नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने कहा है कि कोरोना महामारी की वजह से पूरी दिल्ली या दिल्ली के कुछ हिस्सों में फिलहाल नाइट कर्फ्यू लगाने की कोई योजना नहीं है।
दिल्ली सरकार ने यह जानकारी गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में दायर एक स्टेटस रिपोर्ट के जरिये दी। दिल्ली सरकार ने कहा कि वो कोरोना से निपटने के लिए हरसंभव कदम उठा रही है।
स्टेटस रिपोर्ट में दिल्ली सरकार ने कहा है कि राज्य में अब कोरोना के मामलों की संख्या कम हो गई है। पिछले दो दिनों से चार हजार तक ही मामले आ रहे हैं।
दरअसल पिछले 26 नवम्बर को हाईकोर्ट ने कोरोना के बढ़ते मामलों पर राज्य सरकार को फटकार लगाई थी। हाईकोर्ट ने पूछा था कि आप कैसे कह सकते हैं कि शादियों के लिए अतिथियों की संख्या को सीमित करने के आदेश का उल्लंघन नहीं हो रहा है।
दिल्ली सरकार ने हाईकोर्ट से कहा था कि वो नाइट कर्फ्यू या सप्ताहांत बंदी पर विचार कर रही है, लेकिन कोई फैसला नहीं लिया है।
कोर्ट ने कहा था कि इस तरह शादियों की अनुमति नहीं दी जा सकती है। इसके लिए स्टैंडर्ड आपरेटिंग प्रोसीजर लागू करना होगा क्योंकि ये सुपर स्प्रेडर साबित हो सकते हैं।
अभी शादियों का सीजन है। यह देखना होगा कि शादियों में 50 से ज्यादा लोग नहीं जुटें।
सुनवाई के दौरान 11 नवम्बर को याचिकाकर्ता राकेश मल्होत्रा ने कहा था कि उन्हें कोरोना का संक्रमण हुआ और उन्हें न तो बेड मिला और न ही कोई अस्पताल।
एक दोस्त की मदद से उन्हें एक नर्सिंग होम में भर्ती किया गया जहां एक ऑक्सीमीटर के अलावा किसी ने कोई मदद नहीं की।
याचिका में निजी और सरकारी अस्पतालों और लैब्स में कोरोना की पर्याप्त टेस्टिंग करने का दिशानिर्देश जारी करने की मांग की गई है।
पहले की सुनवाई के दौरान राकेश मल्होत्रा ने कोर्ट से कहा था कि दिल्ली के निजी अस्पतालों को भी कोरोना अस्पताल घोषित किया गया है।
इन अस्पतालों को भी लक्षणों वाले मरीजों के साथ-साथ बिना लक्षणों वाले मरीजों का भी टेस्ट करने का दिशानिर्देश जारी करने की मांग की गई है।