Ranchi Cyber Crime: अपराध अनुसंधान विभाग (CID) की Cyber Crime थाना ने दो साइबर अपराधियों को उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ से गिरफ्तार किया है।
गिरफ्तार (Arrested) अपराधियों में राहुल त्रिपाठी और देव प्रकाश शामिल है। इनके पास से दो मोबाईल फोन, चार सिम कार्ड, एक आधार कार्ड, एक PAN card, एक चेक बुक, एक ATM कार्ड और मोबाइल से मामले के Transaction के साक्ष्य बरामद किये गये है।
मामला विस्तार से
साइबर DSP नेहा बाला ने गुरुवार को बताया कि सात दिसम्बर को 2023 को एक युवती ने Cyber Crime थाने में मामला दर्ज कराया था। दर्ज मामले में बताया गया था कि युवती से टेलीग्राम के माध्यम से संपर्क किया गया जिसमें लूडो और फिशडोम को लाइक कर स्क्रिीन शॉट भेजने का पार्ट टाईम जॉब ऑफर किया गया।
इसके पश्चात उन्हें टेलीग्राम प्रोफाईल पर रजिस्टर कर विडियो लाईक करने का काम दिया गया। उक्त टेलीग्राम प्रोफाईल के माध्यम से दिए गए टास्क को करने के लिए इन्हें विभिन्न बैंक खाताओ में पैसे डालने को बोला गया।
फिर उनसे यह कहा गया कि पैसे को क्रिप्टो करेंसी में निवेश कर दिया जाएगा। इससे मिलने वाले लाभ को ग्लोबल कम्पनी के साईट पर दिखाया जायेगा।
युवती को इन्वेस्ट किये हुए पैसे फेक वेवसाइट में दिखना शुरू हो गया
इसके बाद युवती को Invest किये हुए पैसे फेक वेवसाइट में दिखना शुरू हो गया, जिससे वह झांसे में आ गई। झांसा में लेने के लिए इनके एकाउंट में कुछ पैसे डाले गये लेकिन बाद में पैसे डालना बंद कर दिया गया।
इस तरह से इनके साथ कुल 63 लाख 98 हजार 824 रुपये का साईबर ठगी कर लिया गया। इस अपराध को करने के लिए इसके लिए युवती से अलग-अलग बैंक खाताओ में UPI के माध्यम से पैसे डालने को कहा गया।
कुल 88 लाख 93 हजार 37 रुपये को फ्रीज करवा दिया गया
फाइनेंसियल ट्रेल एनालिसिस में फेक कंपनी के नाम पर रजिस्टर्ड कंपनी राजस्थान मध्य प्रदेश तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश के बैंक खाता पाये गये। इसमें करोड़ो रूपये के ट्रांजेक्शन किये गये थे।
जांच में इन बैंक खाताओ से हुए ट्रांजेक्शन के आईपी के यूजर का मूल स्थान होंग कॉन्ग एवं चाइना में पाया गया। त्वरित कार्रवाई करते हुए मामले में सभी बैंक खाताओं को फ्रिज कराया गया। जांच में पाया गया कि संबंधित सभी बैंक खाताओ में कुल 88 लाख 93 हजार 37 रुपये को फ्रीज करवा दिया गया।
उन्होंने बताया कि मामले में शामिल ICICI बैंक एकाउंट नंबर 353205500220 में अब तक एक साल में कुल 33 करोड़ 38 लाख 87 हजार 957 रुपये का फ्रॉड ट्रांजेक्शन क्रेडिट हुआ है, जिसके खिलाफ में National Cyber Crime Reporting Portal के माध्यम से प्राप्त विवरणी के अनुसार महाराष्ट्र, तमिलनाडु, गुजरात, हरियाणा के कुल 38 शिकायते हैं।