नई दिल्ली: Biporjoy Storm लगातार खतरनाक होता जा रहा है। यह तूफान अरब सागर (Arabian Sea) की खाड़ी में बने गहरे विक्षोभ के चलते बना है।
Biporjoy तूफान और तीव्रता के साथ खतरनाक हो गया। जानकार बताते हैं कि यह कई दिनों तक कहर ढा सकता है।
अरब सागर (Sea) में ये इस साल बना पहला तूफान बना है। लेकिन असर केरल (Kerala) की ओर से आने वाले मानसून पर पड़ सकता है।
संभव है कि ये तूफान मानसून (Storm Monsoon) को यहा तो उड़ाकर ले जा सकता है या फिर इसे धीमा कर सकता है।
चक्रवाती तूफान को ये नाम बांग्लादेश ने दिया
चक्रवाती तूफान कई कारण हो सकते हैं, वहीं अनेक तरह के तूफान होते हैं।
जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है Biporjoy नाम से लगता है कि इसका संबंध जॉय से है लेकिन ऐसा नहीं।
इस चक्रवाती तूफान को ये नाम बांग्लादेश (Bangladesh) ने दिया। बांग्ला में इस नाम का मतलब होता है डिजास्टर यानि विध्वंसक।
अब ये देखा जाने लगा है कि बंगाल की खाड़ी और अरब सागर दोनों जगहों में तूफान बन रहे हैं और तेजी से प्रचंड भी हो जा रहे हैं।
ये अपनी ताकत को कई दिनों तक बनाकर रखते हैं।
Climate Change के कारण समुद्र पहले ही गर्म हो चुका
हालातों को देखते हुए वैज्ञानिकों (Scientists) का कहना है कि अरब सागर (Arabian Sea) में जो तूफान बन रहे हैं, मानसून से पहले उनके बनने की गति, समय और तीव्रता सभी में 40 फीसदी इजाफा हुआ है जबकि 20 फीसदी बढोतरी मानसून (Monsoon) के बाद ऐसे तूफानों के बनने में आई है।
पहले यहां उतने खतरनाक तूफान नहीं बनते थे, जितने अब बनने लगे हैं।
भारतीय मौसम विभाग (India Meteorological Department) के वैज्ञानिक कहते हैं तूफानों के बनने में आई तेजी का रिश्ता समुद्र के पानी के तापमान में हो रही बढोतरी और ग्लोबल वार्मिंग है।
पहले अरब सागर आमतौर पर ठंडा रहता था लेकिन अब ये गरम पानी के पूल में बदल चुका है।
Climate Change के कारण समुद्र पहले ही गर्म हो चुके हैं। ताजातरीन अध्ययन बताते हैं कि मार्च के बाद अरब सागर 1।2 डिग्री गरम हो चुका है।
ये स्थिति किसी भी तूफान के बनने और उसे ताकतवर बनाने में बहुत सहायक होती है।
कैसे बनता है चक्रवाती तूफान?
अगर अरब सागर (Arabian Sea) और बंगाल की खाड़ी (Bay of Bengal) में ज्यादा तूफान बनने लगेंगे तो ये मानसूनी हवाओं पर बुरा असर डालकर तितर बितर कर देंगे।
उससे भारत में हर साल आने वाले मानसून की लय और सेहत दोनों पर खराब असर पड़ेगा। ये भी हो सकता है कि Monsoon का समय ही अनिश्चित हो जाए।
इन दोनों स्थितियों में ना केवल हमारी कृषि पर असर पड़ेगा बल्कि बरसात से हमें नदियों, जलाशयों में जो जल मिलता है, उस पर भी बुरी तरह असर पड़े।
समुद्री जल का तापमान बढ़ने पर इसके ऊपर मौजूद हवा गर्म हो जाती है। फिर ये ऊपर की ओर उठने लगती है। उस जगह कम दबाव का क्षेत्र बनने लगता है।
इसे भरने के लिए आसपास की ठंडी हवा इस ओर बढ़ती है। गर्म और ठंडी हवाओं के मिलने से जो प्रतिक्रिया होती है, वो तूफान के रूप में सामने आती है।
सबसे विनाशकारी Cyclone साल नवंबर 1970 में बांग्लादेश में आया था
जानकारी के अनुसार अब तक का सबसे विनाशकारी Cyclone साल नवंबर 1970 में बांग्लादेश में आया था।
ग्रेट भोला साइक्लोन की वजह से लगभग 5 लाख लोगों की मौत हो गई थी। भारत में भी एक तूफान ने ऐसा ही हाहाकार मचाया था।
ये 1737 में आया था, जिसे हुगली रिवर साइक्लोन के नाम से जाना जाता है। इसने लगभग साढ़े तीन लाख लोगों की जान ले ली।
अमेरिका के साइक्लोन कैटरीना को भी इसी श्रेणी में रखा जाता है। साल 2005 में इसकी वजह से 2000 जानें गईं।
साथ ही मकान, दफ्तर टूटने से जो नुकसान हुआ, वो लगभग 108 बिलियन डॉलर था। ये दुनिया के इतिहास में सबसे ज्यादा नुकसान माना जाता है।
अमेरिका दुनिया के उन चुनिंदा हिस्सों में से है जहां सबसे ज्यादा चक्रवाती तूफान आते हैं। ऐसा यहां के मौसम की वजह से है।