इस्लामाबाद: सिंध हाई कोर्ट (एसएचसी) के एक वरिष्ठ वकील ने पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि 2002 में अमेरिकी पत्रकार डैनियल पर्ल का अपहरण और हत्या अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद से संबंधित घटनाओं का हिस्सा थे।
डॉन न्यूज ने अपनी रिपोर्ट में कहा, बुधवार को सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच के सामने वकील फारूक एच.नेक ने यह टिप्पणी की।
यह बेंच सिंध सरकार, पर्ल के माता-पिता और प्रमुख अभियुक्त उमर शेख द्वारा दायर की गई अपीलों को सुन रही थी।
अपील में 2 अप्रैल को सिंध हाईकोर्ट द्वारा 38 वर्षीय पत्रकार के अपहरण और हत्या के लिए शेख को दी गई मौत की सजा को चुनौती दी गई है।
इस दौरान अपने दावे को पुष्ट करने के लिए नेक ने शेख की उस गवाही का हवाला भी दिया, जो उसने ट्रायल कोर्ट के सामने दी थी और आशंका व्यक्त की थी कि उसे अमेरिका में प्रत्यर्पित किया जा सकता है।
वकील ने तर्क दिया कि इन अपीलों के भाग्य का निर्धारण करने के लिए कुछ सवालों को सुलझाने की जरूरत है।
ये सवाल हैं – क्या शेख ने पर्ल के अपहरण की साजिश रची और अपहरण के बाद फिरौती की मांग की, क्या फिरौती की मांग के लिए पर्ल का अपहरण किया गया और फिरौती मांगते हुए उसकी पत्नी को 27 जनवरी, 2002 को ईमेल किया गया था, 30 जनवरी 2002 को भेजे गए अन्य ईमेल का जवाब उसने नहीं दिया, जिसमें पत्रकार को जान से मारने की धमकी दी गई थी।
बता दें कि द वॉल स्ट्रीट जर्नल के दक्षिण एशिया ब्यूरो प्रमुख पर्ल का जनवरी 2002 में कराची में अपहरण कर लिया गया था, वे वहां धार्मिक अतिवाद को लेकर रिसर्च कर रहे थे।
अपहरण के एक महीने के बाद उनका सिर काटते हुए एक ग्राफिक वीडियो अमेरिकी वाणिज्य दूतावास को भेजा गया था।
इसके बाद शेख को गिरफ्तार किया गया था और ट्रायल कोर्ट ने उसे मौत की सजा सुनाई थी।