कृषि कानून पर गतिरोध बरकरार, अगली बैठक 19 जनवरी को

News Aroma Media
3 Min Read

नई दिल्ली: सरकार और आंदोलनकारी किसानों के बीच नौवें दौर की वार्ता शुक्रवार को बिना किसी निर्णय के समाप्त हो गई। बैठक का अगला दौर 19 जनवरी को निर्धारित किया गया है।

सरकार के साथ किसान नेताओं की बैठक शुक्रवार को दोपहर 12 बजे शुरू हुई थी और लगभग पांच घंटे तक चली।

बैठक हालांकि बिना किसी निर्णय के ही समाप्त हो गई।

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्यांण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने वार्ता के बाद पत्रकारों से कहा, तीन कृषि कानून समेत अन्य मसलों पर आज फिर किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ लंबी वार्ता हुई लेकिन चर्चा निर्णायक मोड़ पर नहीं पहुंच पाई।

इसलिए सरकार और किसान संगठनों दोनों ने मिलकर तय किया है कि उन्नीस जनवरी को फिर दोपहर 12 बजे बैठक में विषयों पर चर्चा करेंगे।

- Advertisement -
sikkim-ad

बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए, भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा, हमारी मांग वही रहेगी और हम सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गठित समिति के पास नहीं जाएंगे, लेकिन सरकार के साथ बातचीत जारी रखेंगे।

अभी भी हमारी मांग है कि सरकार को एमएसपी सुनिश्चित करने के अलावा तीन कृषि कानूनों को निरस्त करना चाहिए।

टिकैत ने यह भी कहा कि कृषि विरोधी कानून लंबे समय तक चलेगा।

टिकैत ने कहा, विपक्ष इस मुद्दे को संसद में उठाएगा, जबकि हम इस मुद्दे को संसद के बाहर उठाएंगे।

उन्होंने यह भी कहा कि सरकार किसानों की मांगों को स्वीकार नहीं कर रही है।

12 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दोनों पक्षों के बीच यह पहली बैठक थी।

कोर्ट ने तीन कृषि कानूनों के कार्यान्वयन पर रोक लगाई और किसानों के मुद्दों को देखने के लिए चार सदस्यीय समिति का गठन किया।

हालांकि, गुरुवार को समिति के चार सदस्यों में से एक, किसान नेता भूपिंदर सिंह मान ने खुद को शीर्ष अदालत द्वारा गठित पैनल से हटा लिया था।

इससे पहले, किसानों और सरकार के बीच आठ दौर की वार्ता हुई, लेकिन वे सभी अनिर्णायक रही।

पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हजारों किसान 26 नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं।

उनकी मुख्य मांग है कि सरकार को पिछले साल सितंबर में लागू तीन कृषि कानूनों को निरस्त करना चाहिए।

Share This Article