नई दिल्ली: कोरोना से हुई मौत पर मुआवजा पाने के लिए फर्जी सर्टिफिकेट बनाने के मामले में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को महाराष्ट्र, गुजरात, केरल और आंध्र प्रदेश में विशेष टीम रवाना की है।
यह टीम इन राज्यों में कोरोना से हुई मौत पर किए गए भुगतान के आवेदनों की जांच करेगी। 24 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए केन्द्र सरकार को मुआवजा पाने वाले पांच प्रतिशत आवेदनों की जांच करने के आदेश दिए थे।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक इन राज्यों को भेजी गई टीम में तीन सदस्य शामिल हैं। महाराष्ट्र भेजी गई टीम की अगुवाई एनसीडीसी के प्रधान सलाहकार डॉ. सुनील गुप्ता कर रहे हैं।
केरल भेजी गई टीम में मंत्रालय के सलाहकार डॉ. पी रविन्द्रन, एनसीडीसी के साथ संयुक्त निदेशक डॉ. संकेत कुलकर्णी और राजेन्द्र कुमार शामिल हैं।
गुजरात और आंध्र प्रदेश भेजी गई टीम की अगुवाई एनसीडीसी के प्रधान सलाहकार डॉ. एस वेंकटेश और एनसीडीसी के निदेशक डॉ. एस के सिंह कर रहे हैं।
मंत्रालय द्वारा भेजी गई टीम इन राज्यों में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कोरोना से हुई मौत पर दिए गए मुआवजा के आवेदनों की जांच करेगी और अनुग्रह अनुदान राशि लेने वाले परिवारों से मौके पर जा कर बात करेगी।
उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर केन्द्र सरकार ने कोरोना से हुई मौत पर परिवार को 50 हजार रुपये सहायता राशि देने का प्रावधान रखा है।
इसी के मद्देनजर महाराष्ट्र में सवा 2 लाख से भी ज्यादा आवेदन आए जबकि यहां कोरोना से हुई मौत का आंकड़ा करीब 1.40 लाख है।