नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने 1991 के बलवंत सिंह मुल्तानी मामले में पंजाब के पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी की अग्रिम जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली बेंच ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया।
पिछली 14 अक्टूबर को कोर्ट ने पंजाब सरकार को नोटिस जारी किया था। कोर्ट ने उन मुल्तानी भाइयों को भी नोटिस जारी किया था, जिन्होंने सैनी के खिलाफ केस दायर किया था।
पिछली 15 सितम्बर को कोर्ट ने सुमेध सैनी को राहत देते हुए सैनी की गिरफ्तारी पर अगले आदेश तक रोक लगा दी थी। कोर्ट ने सैनी को जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया था।
सुनवाई के दौरान सैनी की ओर से वकील मुकुल रोहतगी ने इस पूरे मामले को दुर्भावना से ग्रसित बताया था। उन्होंने कहा था कि अपनी सेवा के दौरान सैनी ने दो चार्टशीट दाखिल की थी, जिसमें एक चार्टशीट वर्तमान सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ थी।
सुनवाई के दौरान पीड़ित के वकील विश्वनाथन ने सैनी की अग्रिम जमानत का विरोध करते हुए कहा था कि सैनी के चलते मेरे भाई की हत्या हुई है। सैनी अपने दौर में कुख्यात अफसर रह चुके हैं। लिहाजा उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज की जाए।
मामला 1991 का है, जिसमें जूनियर इंजीनियर बलवंत सिंह मुल्तानी के अपहरण और हत्या से संबंधित एक मामले में अग्रिम जमानत की मांग की थी। दरअसल, बलवंत सिंह मुल्तानी के किडनैपिंग और मर्डर केस में पंजाब के पूर्व डीजीपी सुमेध सैनी आरोपित हैं। पंजाब के मोहाली कोर्ट ने सुमेध सैनी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था। मोहाली कोर्ट ने 25 सितम्बर तक सैनी को गिरफ्तार करके कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया था।