रांची: झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता (Banna Gupta) ने कहा कि राज्य में मलेरिया के मामलों में उल्लेखनीय गिरावट हुई है। झारखंड देश के उन पांच राज्यों में एक हैं जहां मलेरिया के सबसे अधिक मामले दर्ज किए जाते हैं।
उन्होंने कहा कि झारखंड (Jharkhand) के अलावा ओडिशा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और मेघालय में वेक्टर जनित इस बीमारी के अत्यधिक मामले दर्ज किए जाते हैं।
2019 में देश भर में मलेरिया के कुल मामलों में 45.47 प्रतिशत मामले इन्हीं राज्यों में दर्ज किए गए।
इन चुनौतियों के बीच मलेरिया के बोझ को कम करने के लिए झारखंड ने उल्लेखनीय प्रगति की है और वर्ष 2017 से 2021 के बीच राज्य में मलेरिया के मामलों की संख्या साल-दर-साल कम हुई है।
मंत्री ने बुधवार को कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) की विश्व मलेरिया रिपोर्ट – 2020 के आधार पर झारखंड मलेरिया उन्मूलन के राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण में तीसरे स्थान पर रहा।
राज्य में मलेरिया (Malaria) के सालाना आंकड़ों की बात करें इसमें लगातार कमी दर्ज की गयी है। 2017 में झारखंड में 94,114 मामले थे, जबकि 2018 में 57,095 केस दर्ज किए गए।
मलेरिया के मामलों में दिखाई दे रही काफी कमी
यह 39 प्रतिशत की कमी थी। फिर 2019 में 37,133 मामले दर्ज हुए और 35 प्रतिशत की कमी आयी। 2020 में 55 प्रतिशत की कमी के साथ 16,653 मामले दर्ज किए गए।
साल 2021 में 2019 की तुलना में 19 प्रतिशत कम मामले दर्ज किए गए और संख्या घट कर 13,426 हो गयी।
उन्होंने कहा कि आदिवासी क्षेत्र में भी इस बीमारी को लेकर लोगों में जागरुकता (awareness) फैलाने के लगातार प्रयास कर रहे हैं। इसका परिणाम है कि अब यहां पहले की तुलना मलेरिया के मामलों में काफी कमी दिखाई दे रही है।