नई दिल्ली: पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ पूर्व मंत्री एमजे अकबर की ओर से दायर मानहानि के मामले पर प्रिया रमानी ने कहा कि वे उच्च संपादकीय पदों पर रही हैं और उनकी प्रतिष्ठा भी एमजे अकबर की तरह है।
रमानी की ओर से वकील रेबेका जॉन ने आज राऊज एवेन्यू कोर्ट से कहा कि उनके बयानों को उनकी छवि के संदर्भ में देखा जाना चाहिए। मामले पर अगली सुनवाई 14 दिसम्बर को होगी।
सुनवाई के दौरान रेबेका जॉन ने कहा कि प्रिया रमानी ने अपने बयान में कहा कि वो जब वो अमेरिका से 13 नवम्बर 1993 में लौटीं तो उन्हें पता चला कि एशियन एज की लांचिंग होने वाली है।
वो एशियन एज में नौकरी करने के ख्याल से अकबर से मिली। अकबर ने रमानी को शाम को होटल में बुलाया था।
रमानी ने कहा था कि उनको उम्मीद थी कि उनका इंटरव्यू एक कॉफी शाप में होगा लेकिन उन्हें अकबर ने होटल के कमरे में बुलाया, इसलिए वह मना करने की स्थिति में नहीं थी।
यही सब कुछ उसने वोग (Vogue) मैगजीन के आलेख के पहले चार पैराग्राफ में लिखा।
जॉन ने कहा कि रमानी एक ईमानदार गवाह हैं। अगर आलेख अकबर के बारे में होता तो वे ऐसा जरुर कहतीं।
इसमें कोई भ्रम नहीं है। जॉन ने वोग मैगजीन के आलेख को पढ़ते हुए कहा कि आलेख के चौथे पैराग्राफ के बाद ब्रेक है।
उनके आलेख में इस्तेमाल किए गए शब्दांश दूसरे आलेख से लिए गए हैं। उन्होंने कहा कि अकबर की याचिका भ्रामक है।
जॉन ने कहा कि अकबर ने कहा है कि रमानी के 08 अक्टूबर 2018 के ट्वीट के बाद बवाल मच गया, लेकिन इस ट्वीट के पहले भी कई युवा पत्रकारों ने अकबर के बारे में ट्वीट किया था।
रमानी पहली महिला नहीं थीं। कुछ महिला पत्रकारों ने दूसरे बड़े पदों पर बैठे लोगों के खिलाफ भी आरोप लगाए थे।
रेबेका जॉन ने पिछले 05 दिसम्बर को कहा था कि अकबर ने 23 साल पहले एक महिला से सहमतिपूर्वक अपने संबंधों को स्वीकार किया था।
अकबर की पत्नी ने कहा था कि उस महिला के सार्वजनिक स्वीकृति के उनकी पारिवारिक जीवन तबाह हो गई। उन्होंने कहा कि हमारा ये बताने का मतलब है कि इतनी अच्छी छवि का दावा करने वाले व्यक्ति ऐसा करेगा।
आखिर वो बीस साल छोटी महिला के साथ रिलेशनशिप में कैसे हो सकते हैं। जॉन ने कहा कि अकबर को यह भी याद नहीं है कि दिल्ली हाईकोर्ट ने उन्हें अवमानना का दोषी पाया था, वो अब राजनीतिज्ञ हो गए हैं, जो पहले पत्रकार थे।
उल्लेखनीय है कि एमजे अकबर ने 15 अक्टूबर 2018 को प्रिया रमानी द्वारा अपने खिलाफ यौन प्रताड़ना का आरोप लगाने के बाद ये आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया है।
18 अक्टूबर 2018 को कोर्ट ने एमजे अकबर की आपराधिक मानहानि की याचिका पर संज्ञान लिया था।
25 फरवरी 2019 को कोर्ट ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और पत्रकार एमजे अकबर द्वारा दायर आपराधिक मानहानि के मामले में पत्रकार प्रिया रमानी को जमानत दी थी।
कोर्ट ने प्रिया रमानी को दस हजार रुपए के निजी मुचलके पर जमानत दी थी। कोर्ट ने 10 अप्रैल 2019 को प्रिया रमानी के खिलाफ आरोप तय किए थे।