Defamation Proceedings Against Tejashwi Yadav: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मंगलवार को बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) की ‘केवल गुजराती ही ठग हो सकते हैं’ वाली टिप्पणी के लिए उनके खिलाफ लंबित आपराधिक मानहानि (Defamation) की कार्यवाही को रद्द कर दिया।
पिछले हफ्ते, न्यायमूर्ति अभय एस. ओका की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था कि यादव द्वारा बिना शर्त अपनी टिप्पणी वापस लेते हुए एक “विशिष्ट” हलफनामा दायर किया गया है।
इससे पहले, शीर्ष अदालत ने संकेत दिया था कि वह संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत प्रदत्त असाधारण शक्तियों का प्रयोग करते हुए Ahmedabad में एक मजिस्ट्रेट की अदालत के समक्ष यादव के खिलाफ लंबित आपराधिक मानहानि के मुकदमे को रद्द कर देगी।
टिप्पणी का उद्देश्य किसी समुदाय को ठेस पहुंचाना नहीं था
यह देखा गया था कि यादव के खिलाफ मुकदमा चलाने की अब आवश्यकता नहीं है, क्योंकि उन्होंने एक हलफनामा दायर किया था, जिसमें कहा गया था कि उनकी टिप्पणी का उद्देश्य गुजराती लोगों या किसी विशेष राज्य के किसी समुदाय को ठेस पहुंचाना नहीं था।
नवंबर 2023 में, तेजस्वी यादव द्वारा आपराधिक मानहानि मामले को गुजरात से बिहार स्थानांतरित करने की मांग के बाद सुप्रीम कोर्ट ने मुकदमे की कार्यवाही पर रोक लगा दी थी।
शिकायत Tejashwi Yadav की पिछले साल मार्च में पटना में की गई कथित टिप्पणी से जुड़ी है। आरोप है कि यादव ने कहा कि ‘आज के समय में केवल गुजराती ही ठग हो सकते हैं और उन्हें इसके लिए माफ भी किया जाएगा।’
यह कथित टिप्पणी Punjab National Bank घोटाले के मुख्य आरोपी भगोड़े व्यवसायी मेहुल चोकसी के लिए Red Corner Notice को रद्द करने के संदर्भ में की गई थी।