Delhi-Dehradun Expressway: दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे (Delhi-Dehradun Expressway) पर बनाया जा रहा एशिया का सबसे बड़ा एलिवेटेड वाइल्ड लाइफ कॉरिडोर (Elevated Wildlife Corridor) न केवल सड़क यात्रा को सुरक्षित बनाएगा, बल्कि यह वन्यजीवों के संरक्षण में भी अहम भूमिका निभाएगा।
दिल्ली से देहरादून की यात्रा अब महज 2.5 घंटे में संभव होगी, जिससे यात्रियों को सुविधा के साथ-साथ वन्यजीवों के संरक्षण के प्रति जागरूकता भी बढ़ेगी।
इस अनूठे कॉरिडोर के निर्माण से यह स्पष्ट है कि विकास और पर्यावरण संरक्षण को एक साथ रखा जा सकता है। यह पहल न केवल भारत के लिए, बल्कि एशिया के लिए भी एक मिसाल पेश यह 12 किलोमीटर लंबा कॉरिडोर राजाजी नेशनल पार्क और शिवालिक रिजर्व फॉरेस्ट एरिया के बीच स्थित है, जो हाथियों के संरक्षण के लिए जाना जाता है।
हाथियों के लिए विशेष रूप से 200 मीटर लंबे दो कॉरिडोर बनाए गए
इस कॉरिडोर की विशेषता यह है कि इसके तहत जानवरों की आवाजाही के लिए कई अंडरपास बनाए गए हैं। इनमें से 8 अंडरपास विशेष रूप से जानवरों के लिए सुरक्षित आवाजाही सुनिश्चित करेंगे, जिससे मानव-वन्यजीव टकराव को कम किया जा सकेगा।
हाथियों के लिए विशेष रूप से 200 मीटर लंबे दो कॉरिडोर बनाए गए हैं, जो आशरोडी (Ashrodi) से दात काली टेंपल तक जाते हैं। यह कॉरिडोर न केवल हाथियों को सुरक्षित रखने में मदद करेगा, बल्कि इसे गणेशपुर से देहरादून तक बढ़ाया गया है, जिसमें 340 मीटर लंबी एक टनल भी शामिल है।
इससे वाहनों की निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित होगी और इंसानों और जानवरों के बीच टकराव के अवसर कम होंगे।इस कॉरिडोर की एक और अनूठी विशेषता है नॉयस बैरियर्स।
ये 4 मीटर ऊंची दीवारें पॉलीकॉर्बोनेट (Polycarbonate) से बनी हैं, जो ट्रैफिक के शोर को काफी हद तक सोख लेंगी। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि भले ही भारी वाहन जंगल के पास से गुजरें, लेकिन उनकी आवाज जानवरों तक नहीं पहुंचे। करती है।