नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने शुक्रवार को दिल्ली (Delhi) के उप CM मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) द्वारा दायर मानहानि के मामले में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रवक्ता और मीडिया प्रभारी हरीश खुराना के खिलाफ निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगा दी। खुराना स्टे की मांग को लेकर कोर्ट पहुंचे थे।
5 जनवरी को उच्च न्यायालय ने सिसोदिया द्वारा BJP नेताओं मनजिंदर सिंह सिरसा (Manjinder Singh Sirsa) और हंस राज हंस के खिलाफ दायर मानहानि मामले में निचली अदालत के समक्ष कार्यवाही पर रोक लगा दी थी।
सिसोदिया ने इन BJP नेताओं पर मुकदमा दायर किया
सिसोदिया ने सिरसा, हंस, मनोज तिवारी और विजेंद्र गुप्ता सहित अन्य BJP नेताओं पर मुकदमा दायर किया। उन्होंने दावा किया कि उन्हें दिल्ली के सरकारी स्कूलों में नई कक्षाओं के निर्माण से संबंधित लगभग 2,000 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार (Corruption) धोखाधड़ी में फंसाया गया था।
अदालत ने सिरसा और हंस के मामले को 10 मार्च को सूचीबद्ध किया
जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा (Justice Dinesh Kumar Sharma) ने ट्रायल कोर्ट के 28 नवंबर, 2019 के समन आदेश का विरोध करने वाली दो BJP नेताओं की याचिकाओं पर भी नोटिस जारी किया था।
अदालत ने सिरसा और हंस के मामले को अगली सुनवाई के लिए 10 मार्च को सूचीबद्ध किया।
दिसंबर 2022 में निचली अदालत (Lower Court) ने BJP नेताओं द्वारा इसी मामले में आरोप मुक्त करने के अनुरोध को खारिज कर दिया था।
कोर्ट ने सिसोदिया को नोटिस जारी किया
BJP नेताओं की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता पवन नारंग और कीर्ति उप्पल ने कहा कि समन किए गए व्यक्तियों में से एक विजेंद्र गुप्ता ने उसी समन आदेश के जवाब में राहत के लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के समक्ष याचिका दायर की थी।
शीर्ष अदालत के फैसले के आलोक में KI गुप्ता का ट्वीट (Tweet) मानहानि का गठन नहीं करता है। उन्होंने कहा, हंस और सिरसा के खिलाफ मामले पर भी विचार और विश्लेषण की आवश्यकता है।
कोर्ट ने वरिष्ठ अधिवक्ताओं की सुनवाई के बाद सिसोदिया को नोटिस जारी किया था।
सिसोदिया ने 2019 में BJP के छह नेताओं पर मानहानि का मुकदमा किया था।