Delhi High Court: दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय ने कहा कि महिलाओं को पूजा करने से ज्यादा उनके सम्मान की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जहां महिलाओं का सम्मान होता है, वहीं देवताओं का वास होता है। समाज में आज भी महिलाओं को पूरा सम्मान और समानता नहीं मिली है, जिसे बदलने की जरूरत है।
वीरांगना प्रोजेक्ट से मिलेगा सशक्तिकरण
महिलाओं को कानूनी सहायता देने के लिए दिल्ली राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण (DSLSA) ने वीरांगना प्रोजेक्ट की शुरुआत की है। इस पहल के तहत महिलाओं को पैरा-लीगल वॉलंटियर्स (PLV) के रूप में तैयार किया जा रहा है।
दो दिन की ट्रेनिंग के बाद ये महिलाएं कानूनी सहायता कार्यों में शामिल होंगी।
कौन बन सकती हैं पैरा-लीगल वॉलंटियर?
इस योजना में शामिल होने वाली महिलाएं:
यौन अपराधों की पीड़ित
एसिड अटैक सर्वाइवर
ट्रांसजेंडर
महिला सेक्स वर्कर्स
बाल यौन शोषण पीड़ित महिलाएं
सामाजिक कार्यकर्ता
महिलाओं को मिलेगा भुगतान
DSLSA के मेंबर सेक्रेटरी राजीव बंसल ने बताया कि चयनित वॉलंटियर्स को उनके सेवा काल के आधार पर भुगतान किया जाएगा। अब तक 250 महिलाओं में से 104 का चयन हुआ है, जिसमें से 80 महिलाओं ने ट्रेनिंग जॉइन की है।
महिला सशक्तिकरण की नई पहल
वीरांगना प्रोजेक्ट का उद्देश्य सिर्फ कानूनी सहायता देना नहीं बल्कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना भी है।
इस पहल के तहत 4 से 8 मार्च तक अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का उत्सव मनाया जाएगा, जिसमें महिलाओं को सम्मानित किया जाएगा।