नई दिल्ली: एक महिला से उसके माता-पिता की मर्जी के बिना शादी करने पर युवक के पिता और भाई को दिल्ली से गिरफ्तार करने पर दिल्ली हाईकोर्ट ने यूपी पुलिस को फटकार लगाई है।
जस्टिस मुक्ता गुप्ता की बेंच ने यूपी पुलिस से कहा कि यूपी में चलता होगा, यहां नहीं। कोर्ट ने शामली थाने के एसएचओ को नोटिस जारी कर अगली सुनवाई की तिथि पर केस फाइल के साथ कोर्ट में उपस्थित होने का आदेश दिया है।
कोर्ट ने शामली थाने के एसएचओ को निर्देश किया कि वो इस बात का स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करे कि क्या यूपी पुलिस ने दिल्ली में आकर गिरफ्तारी की थी। कोर्ट ने कहा कि शादी करने वाला जोड़ा बालिग है।
दोनों ने अपनी मर्जी से शादी की है। कोर्ट ने यूपी पुलिस से कहा कि कोई आपके पास आता है और आप गिरफ्तार करने निकल पड़ते हैं।
गिरफ्तार करने से पहले लड़की की उम्र का पता करना चाहिए था कि वो बालिग है या नाबालिग। लड़के के पिता और भाई की गिरफ्तारी बिना दिल्ली पुलिस की सूचना के की गई है।
कोर्ट ने यूपी पुलिस को फटकार लगाते हुए पूछा कि क्या आपने शिकायतकर्ता से कभी पूछताछ की। कोर्ट ने सभी सीसीटीवी फुटेज देने का निर्देश देते हुए कहा कि अगर हम पाएंगे कि शामली पुलिस दिल्ली में आकर गिऱफ्तारी कर ले गई है तो विभागीय जांच का आदेश दिया जाएगा।
कोर्ट ने कहा कि अगर एसएचओ और जांच अधिकारी को केस फाइल पढ़ने नहीं आता तो इसका कोई समाधान नहीं है।
आप युवक के परिवार के सदस्यों को गिरफ्तार करने के लिए उनकी जानकारी जुटाते हें लेकिन जांच करना नहीं जानते। कोर्ट ने कहा कि दिल्ली में आकर गैरकानूनी कार्य करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।
दरअसल, शादी करने वाले युवक और युवती ने हाईकोर्ट में सुरक्षा की गुहार लगाई है। याचिका में कहा गया है कि दोनों बालिग हैं और उन्होंने अपनी मर्जी से एक जुलाई को शादी की। युवती के माता-पिता इस शादी के खिलाफ थे।
याचिका में कहा गया है कि युवती के माता-पिता जोड़े को लगातार धमकियां दे रहे हैं। युवक के पिता और भाई को यूपी पुलिस दिल्ली से उठाकर डेढ़ महीने पहले ले गई और उनका कुछ अता-पता नहीं है।