नई दिल्ली: सिंघु बॉर्डर पर किसान आंदोलन का शुक्रवार को नौवां दिन पूरा हो गया। इस बीच दो बार केंद्र सरकार के साथ चर्चा हुई है लेकिन अभी तक कोई ठोस नतीजा नहीं निकल पाया है।
शनिवार को सरकार से पांचवें दौर की बातचीत होने से पहले दिल्ली पुलिस ने अपनी रणनीति बनानी शुरू कर दी है। सरकार से वार्ता से पहले आज किसानों की तीन से चार मीटिंग हुई जिन पर सुरक्षा एजेंसियों की निगाह लगी रही।
दिल्ली पुलिस ने शनिवार को सरकार से होने वाली किसानों की वार्ता को निर्णायक मानते हुए अपनी रणनीति बनानी शुरू कर दी है।
सिंघु बॉर्डर से दिल्ली की तरफ जाने वाले हर एक रास्ते जैसे सिंघु बॉर्डर चौक, एप्पल मंडी, शनि मन्दिर, स्वरूप नगर रिंग रोड, मुकरबा चौक पर पत्थरों के बैरिकेड्स और उनके ऊपर कंटीले तार लगाने शुरू कर दिये हैं।
आदेश के तुरंत बाद इन सड़कों को सात से आठ लेयर में बंद किया जाएगा ताकि आंदोलनकारी इनको पार ही नहीं कर सकें। शुक्रवार को सिंघु बॉर्डर पर हुई पुलिस अधिकारियों की मीटिंग के बाद इन जगहों का मुआयना भी किया गया।
साथ ही हर समय किसी भी गड़बड़ी की आशंका के मद्देनजर तैयार रहने के लिए पुलिस फ़ोर्स को कहा गया।
संयुक्त किसान मोर्चा ने सिंघु बॉर्डर पर मीडिया से बात करते हुए बताया कि किसानों ने 8 दिसम्बर को भारत बंद का आह्वान किया है।
प्रेस वार्ता के दौरान वाम नेता हन्नान मोल्ला, सामाजिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव समेत कई अन्य लोग भी मौजूद रहे। भारतीय किसान यूनियन के महासचिव एचएस लाखोवाल ने कहा कि कल हमने सरकार से कृषि कानूनों को वापस लेने की बात की। पांच दिसम्बर को देशभर में पीएम मोदी के पुतले जलाए जाएंगे।
सिंघु बॉर्डर पर डॉक्टर्स मौजूद
आन्दोलन कर रहे किसानों का इलाज करने के लिए सिंघु बॉर्डर पहुंचे डॉक्टर्स का कहना है कि वे खुद किसान नहीं हैं, इसलिए हल चलाकर किसानों की मदद तो नहीं कर सकते लेकिन आंदोलन स्थल पर जाकर उन्हें इलाज देकर उनकी मदद कर सकते हैं।
बड़ी संख्या में डॉक्टर और पैरामेडिकल की टीम सिंघु बॉर्डर के पूरे एरिया में किसानों के बीच अलग-अलग जगह पर लगी हुई हैं। इन टीमों ने बताया कि दिल्ली के सभी आंदोलनकारी बॉर्डर्स पर उनकी टीमें जुटी हुई हैं।
पंजाब से आए डॉक्टर्स का कहना है कि उनकी करीब 70 टीमें इसी तरीके से पूरे आंदोलन में जगह-जगह दवाइयां ले जाकर जरूरतमंद किसान भाइयों की सेवा कर रही हैं।
जब तक किसानों का आंदोलन चलेगा, तब तक पूरी टीम सिंघु बॉर्डर पर ही आंदोलन कर रहे किसानों की सेहत का ख्याल रखेंगी।