नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने राजनेताओं और आपराधिक गिरोहों के संबंधों पर 1993 में आई वोहरा कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है।
जस्टिस संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि ऐसी याचिका प्रचार के मकसद से दाखिल होती है।
भाजपा नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय ने दायर याचिका में कहा था कि वोहरा कमेटी की रिपोर्ट में बड़े नेताओं के नाम थे, लेकिन सरकार ने इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया।
याचिका में कहा गया था कि वोहरा कमेटी की रिपोर्ट को एनआईए, ईडी, आईबी, एसएफआईओ, रॉ, सीबीडीटी और एनसीबी को विस्तृत जांच के लिए सौंपा जाए ताकि राजनेताओं और आपराधिक गिरोहों का पर्दाफाश हो सके।
याचिका में इसकी लोकपाल या सुप्रीम कोर्ट की मानिटरिंग में जांच की मांग की गई थी।
बता दें कि पूर्व केंद्रीय गृह सचिव एनएन वोहरा ने अपराध के राजनीतिकरण पर अध्ययन कर अक्टूबर 1993 में एक रिपोर्ट सौंपी थी।
रिपोर्ट में कहा गया था कि अपराधी सरकार के समानांतर सरकार चलाते हैं।