नई दिल्ली: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और उनके बेटे के बारे में विवादित ट्वीट करने के लिए गिरफ्तार समित ठक्कर ने तीनों एफआईआर को साथ जोड़कर मामले की जांच नागपुर ट्रांसफर करने की मांग सुप्रीम कोर्ट से की लेकिन कोर्ट ने याचिकाकर्ता को बांबे हाईकोर्ट जाने को कहा।
सुनवाई के दौरान महाराष्ट्र सरकार ने कहा कि इस मामले में पूछताछ पूरी हो चुकी है, इसलिए ठक्कर की जमानत याचिका का विरोध नहीं किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार के इस बयान को रिकार्ड पर लिया और याचिका का निस्तारण कर दिया।
सुनवाई के दौरान ठक्कर की ओर से वकील महेश जेठमलानी ने कहा कि एफआईआर में अपराध जमानती थे, फिर भी ठक्कर को गिरफ्तार किया गया था। तब चीफ जस्टिस ने कहा कि हम हर दिन इस तरह के मामलों को देखते हैं।
महाराष्ट्र सरकार की ओर से पेश वकील राहुल चिटनिस ने कोर्ट को बताया कि राज्य सरकार ठक्कर की जमानत का विरोध नहीं करेगी क्योंकि इस मामले में जांच पूरी हो चुकी है।
उल्लेखनीय है कि समित ठक्कर को उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे के खिलाफ ट्विटर पर टिप्पणी करने के आरोप में गिरफ्तार किया था।