रांची: राजधानी रांची (Ranchi) में विभिन्न ट्रेड यूनियन (Trade Unions) के नेताओं ने शुक्रवार को राजभवन के समक्ष संयुक्त रूप से प्रदर्शन किया।
इससे पूर्व संयुक्त ट्रेड यूनियन (United Trade Union) के बैनर तले शहीद चौक स्थित जिला स्कूल से राजभवन तक मजदूरों का मार्च आयोजित किया गया और राजभवन को राष्ट्रपति के नाम स्मार-पत्र (Memorial Letter) सौंपा गया।
मौके पर सीटू के महासचिव प्रकाश विप्लव ने केंद्र सरकार (Central Government) को मजदूर विरोधी बताते हुए कहा कि पूंजीपतियों (Capitalists) को मजबूत करने के लिए केंद्र की सरकार मजदूर कानून को कमजोर कर रही है, जिसके विरोध में देशभर में प्रदर्शन हो रहा है।
देशव्यापी प्रदर्शन और विरोध कार्यक्रम के तहत रांची के राजभवन पर ट्रेड यूनियनों का संयुक्त मंच प्रदर्शन कर रहा है। उन्होंने बताया कि राज्यपाल (Governor) के माध्यम से राष्ट्रपति (President) को स्मार-पत्र सौंपा गया, जिसमें 31 मांगें रखी गयी हैं।
न्यूनतम मजदूरी 600 करने की मांग
राजभवन के सामने प्रदर्शन कर रहे ट्रेड यूनियन (Trade Unions) के नेताओं ने विद्युत संशोधन विधेयक को वापस लेने, केंद्र सरकार (Central government) द्वारा सभी गरीब, मध्यम किसान और कृषि श्रमिकों को एक साथ ऋण माफी एवं 60 वर्ष से ऊपर के लोगों को पेंशन (Pension) की भी व्यवस्था करने की मांग की।
इसके अलावा अन्य मांगों में महंगाई पर रोक लगाने, आवश्यक वस्तुओं, खाद्य पदार्थों पर से GST हटाने, न्यूनतम मजदूरी 600 करने, चार श्रम संहिताओं को रद्द करने और राष्ट्रीय शिक्षा (National Education) नीति को वापस लेने सहित अन्य मांग शामिल है।
राजभवन (Raj Bhavan) के समक्ष हुई सभा की अध्यक्षता पीके गांगुली ने की।
सभा को सीटू के अनिर्वाण बोस, एटक के लालदेव सिंह, अशोक यादव, इंटक के संजीव सिंह, एक्टू के भुवनेश्वर केवट, बेफी के एमएल सिंह, एआइयूटीयूसी (AIUTUC) के मिंटू पासवान, गिग वर्कर्स यूनियन (GIG workers union) के प्रतीक, निर्माण यूनियन से अमर उरांव, वेनी साहू और कोयला यूनियन (Coal Union) से सतीश केशरी सहित विभिन्न श्रमिक नेताओं ने संबोधित किया।
वक्ताओं ने ट्रेड यूनियन आंदोलन की एकता और संयुक्त संघर्ष को और तेज किया जाने का संकल्प लिया। कार्यक्रम में कोयला, निर्माण, परिवहन, सेल्स प्रमोशन इम्पलाइज, गिग वर्कर, बैंक और अराजपत्रित कर्मचारियों ने हिस्सा लिया।