Deogarh Hemant Soren : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने कहा कि झारखंड को वर्ष 2025 तक एक ताकतवर राज्य बनाएंगे। पिछले दो दशकों से झारखंड पर पिछड़ेपन का जो टैग लगा था, उसे खत्म करेंगे।
हम इस राज्य के लोगों को आर्थिक, सामाजिक तथा शैक्षणिक रूप से इतना सशक्त बनाएंगे कि वे अपने दम पर अपना रास्ता तय कर सकें। जब यहां के लोग मजबूत होंगे तो निश्चित तौर पर राज्य भी मजबूत बनेगा। इसी सोच के साथ हम अपनी नीतियों और योजनाओं को न सिर्फ बना रहे हैं, बल्कि उसे धरातल पर पूरी शक्ति के साथ उतार रहे हैं।
मुख्यमंत्री शनिवार को देवघर जिले के गौरीपुर पंचायत में आपकी योजना-आपकी सरकार-आपके द्वार (Aapki Sarkar Aapke Dwar) के तीसरे चरण में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने युवाओं से कहा कि झारखंड एक युवा राज्य है। ऐसे में आपके सहयोग से झारखंड की तकदीर और तस्वीर बदल सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कोई पहला मौका नहीं है, जब यह सरकार गांव-गांव पहुंच रही है, बल्कि वर्ष 2021 और 2022 के बाद लगातार तीसरी बार इस वर्ष इस कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायतों में लग रहे शिविरों के सकारात्मक और सुखद परिणाम सामने आ रहे हैं। विभिन्न माध्यमों से जन सेवा करना ही राज्य सरकार का लक्ष्य है।
उनकी समस्याओं का समाधान करना है और उन्हें सरकार की कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देने के साथ इसका लाभ भी प्रदान करना है। कार्यक्रम के पिछले दो चरणों में 80 लाख आवेदन मिले थे।
इन आवेदनों के आधार पर हमने समस्याओं की प्राथमिकता तय की और फिर योजनाओं के माध्यम से उसका समाधान करने का कार्य किया। इसी का नतीजा है कि इस कार्यक्रम के तहत अब तक लाखों लोगों की समस्याओं का समाधान करने में हम कामयाब रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड अलग राज्य का 23 वर्ष से ज्यादा हो चुके हैं लेकिन इस दौरान अधिकारी आपके गांव नहीं गए। क्षेत्र का भ्रमण नहीं किया। वे आज योजनाओं की गठरी लेकर आपके दरवाजे पर आ रहे हैं। आपको सिर्फ इतना करना है कि इस गठरी से अपनी जरूरत की योजनाओं को चुनें और अपने घर के अंदर ले जाएं तथा खुद को सशक्त बनाने के साथ राज्य के विकास में भागीदार बने।
प्रतिस्पर्धा का है जमाना
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2019 में हमारी सरकार वजूद में आई तो उसके कुछ ही महीने बाद कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया। सारी व्यवस्थाएं ठप हो गई ।
ऐसे हालात में भी हमारी सरकार जीवन और जीविका बचाने के लिए पूरी ताकत के साथ लगी रही। किसी को भूख से मरने नहीं दिया। जब कोरोना की रफ्तार कम हुई तो हमने विकास को रफ्तार देने का काम शुरू किया। इस बीच सुखाड़ से भी सामना करना पड़ा। इन विपरीत परिस्थितियों में भी हम विकास को गति दे रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्रतिस्पर्धा का जमाना है। ऐसे में सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों को बेहतर और गुणवत्तायुक्त शिक्षा देने के लिए सरकार की संकल्पित है।
हमारी सरकार ने फिलहाल 80 School of Excellence खोले हैं , जिनकी संख्या को बढ़ाकर पांच हजार करने का लक्ष्य है। पोस्ट छात्रवृत्ति की राशि बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दी गई है।
Pre-Matric छात्रवृत्ति में भी तिगुना इजाफा किया गया है। बच्चियों की पढ़ाई न छूटे, इसके लिए उन्हें सावित्रीबाई किशोरी समृद्धि योजना का लाभ दिया जा रहा है। प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी से लेकर विभिन्न Courses को करने के लिए भी सरकार आर्थिक सहायता दे रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नौजवानों को रोजगार देने के लिए सरकार लगातार कदम उठा रही है। सरकारी विभागों में खाली पड़े हजारों पद भरे जा चुके हैं।
कई पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया जारी है। निजी क्षेत्र में भी अब तक 50 हजार से ज्यादा युवाओं को रोजगार मेला के माध्यम से Offer Letter दिया जा चुका है। इसके साथ मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत व्यवसाय करने के इच्छुक युवाओं को सरकार द्वारा पूंजी उपलब्ध कराई जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों और मजदूरों के साथ सरकार हमेशा खड़ी है। उन्हें सशक्त बनाने के लिए कई योजनाएं चल रही हैं। हर खेत में पानी पहुंचे ताकि किसान वर्षभर खेती कर सकें, इसके लिए मेगा लिफ्ट सिंचाई परियोजना का काम तेज गति से चल रहा है।
मुख्यमंत्री ने विकास योजनाओं का दिया तोहफा
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर 255 करोड़ 54 लाख 01 हजार रुपये की 64 योजनाओं की आधारशिला रखी। साथ ही विभिन्न योजनाओं (Various Schemes) के 5721 लाभुकों के बीच 07 करोड़, 97 लाख 66 हजार रुपये की परिसंपत्तियों का वितरण किया।