रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने कहा कि झारखंड में जमीन का सर्वे (Survey) कराने की दिशा में विभाग ठोस कदम उठाए।
उन्होंने इसके लिए अन्य राज्यों में जमीन सर्वे के लिए अपनाई गई प्रक्रियाओं की अध्ययन रिपोर्ट तैयार करने और उसके आधार पर राज्य में भी सर्वे करने की दिशा में पहल करने का निर्देश दिया है।
सोरेन सोमवार को राजस्व, भूमि सुधार एवं निबंधन विभाग (Land Reforms and Registration Department) की दाखिल खारिज उत्तराधिकार नामांतरण, राजस्व संग्रहण और राजस्व न्यायालयों में लंबित मामलों की समीक्षा के दौरान बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि जमीन का सर्वे नहीं होने से आने वाले दिनों में कई विवादों के साथ लोगों की परेशानियां और बढ़ जाएंगी, इसलिए इसका समाधान बेहद जरूरी है।
विभाग के मुताबिक राज्य में दाखिल खारिज के कुल 12 लाख 97 हज़ार 967 आवेदन आए। इसमें पांच लाख 84 हज़ार आवेदनों का निष्पादन कर दिया गया। जबकि छह लाख 42 हज़ार आवेदन रिजेक्ट किए गए।
राजस्व कोर्ट में निष्पादित किए गए मामलों की तीन महीने के बाद समीक्षा की जाएगी
वर्तमान में 528 ऐसे आवेदन हैं जो 90 दिनों से ज्यादा समय से लंबित हैं। मुख्यमंत्री (Chief Minister) ने कहा कि दाखिल खारिज के मामलों का यथाशीघ्र निष्पादन सुनिश्चित करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में उपायुक्त (Deputy Commissioner) समेत अन्य पदाधिकारी जमीन से जुड़े मुकदमों के निष्पादन के लिए राजस्व कोर्ट नहीं लगाते हैं।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट तौर पर कहा कि उपायुक्त सहित अन्य पदाधिकारी नियमित कोर्ट लगाकर जमीन से जुड़े मुकदमों का निपटारा करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उपायुक्त एवं अन्य पदाधिकारियों द्वारा लगाए गए राजस्व कोर्ट (Revenue Court) में निष्पादित किए गए मामलों की तीन महीने के बाद समीक्षा की जाएगी।