रांची: रांची के उपायुक्त छवि रंजन ने बुधवार को पंडरा स्थित राजकीय मध्य विद्यालय का औचक निरीक्षण किया।
निरीक्षण के दौरान उन्होंने तैयार किए गए मॉडल स्कूल में उपलब्ध विभिन्न पठन पाठन सुविधाओं का जायजा लिया।
साथ ही, मॉडल स्कूल के तहत लगने वाले स्मार्ट क्लास के लिए जरूरी हैंड होल्डिंग ट्रेनिंग स-समय पूरा करने का निर्देश दिया।
साइंस लैब, लाइब्रेरी, कंप्यूटर लैब सहित स्मार्ट क्लास की स्थिति का लिया जायजा
निरीक्षण के दौरान उपायुक्त छवि रंजन ने मॉडल स्कूल के तहत बनने वाले साइंस लैब, लाइब्रेरी, कंप्यूटर लैब सहित स्मार्ट क्लास इत्यादि में उपलब्ध सुविधाओं का जायजा लिया।
इस दौरान उन्होंने साइंस लैब में रखे गए इक्विपमेंट्स, सैम्पल्स इत्यादि के संबंध में विस्तृत जानकारी ली।
साथ ही, लाइब्रेरी में किताबों की संख्या एवं अलग- अलग तरह की किताबों को लगवाने का भी निर्देश दिया।
स्मार्ट क्लास के निरीक्षण के दौरान उपायुक्त ने बच्चों की पढ़ाई के लिए लगाए गए मॉड्यूल डिवाइस के सम्बन्ध में जानकारी ली। साथ ही, इसके इस्तेमाल से बच्चों को किस तरह से फायदे होंगे, मॉनिटरिंग सिस्टम इत्यादि संबंधी जानकारी भी ली।
स्कूल खुलने से पहले संबंधित शिक्षकों की ट्रेनिंग करें पूरी
पूरे प्रोजेक्ट की मॉनिटरिंग कर रहे डीपीओ रांची विनोय कुमार एवं एडीएफ पूजा कुमारी को निर्देश देते हुए कहा कि जिन जगहों पर मॉडल स्कूल तैयार किए जा रहे हैं, वहां यह सुनिश्चित करें कि स्कूल खुलने से पहले ही सभी संबंधित शिक्षकों की ट्रेनिंग पूरी ली जाए, ताकि उन्हें भी हैंड होल्डिंग की प्रैक्टिस करने का वक़्त मिलेगा और बच्चों को बेहतर से बेहतर सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी।
प्रधानाध्यापक ने दी शौचालय की कमी सम्बंधी जानकारी, उपायुक्त ने दिया शौचालय तैयार करवाने का निर्देश
निरीक्षण के दौरान उपायुक्त ने विद्यालय के अन्य हिस्सों का भी जायजा लिया। साथ ही, उपस्थित प्रधानाचार्य को विद्यालय में साफ-सफाई बनाये रखने के लिए ज़रूरी निर्देश भी दिए।
निरीक्षण के दौरान विद्यालय प्रधान ने को जानकारी दी कि बच्चों की संख्या के हिसाब से विद्यालय में शौचालय की कमी है।
जिस पर उपायुक्त ने उपस्थित डीपीओ रांची को त्वरित निर्देश देते हुए कहा कि हमारे पास उपलब्ध किसी योग्य फण्ड की मदद से विद्यालय में अतिरिक्त शौचालय बनवाने की व्यवस्था करें।
निरीक्षण के बाद उपायुक्त ने कहा, “अभी हमें जिलाभर में ऐसे और भी मॉडल स्कूल तैयार करवाने हैं।
शुरुआती तौर पर कुछ स्कूलों में लगवा कर इसकी उपयोगिता के जांच के आधार पर आगे भी अन्य योजनाओं को अमल में लाया जाएगा।”