चंडीगढ़: Hariyana के सुनारिया जेल (Sunaria Jail) से 40 दिन के पैरोल पर रिहा हुए साध्वी से दुष्कर्म (Rape) के आरोपी डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख Gurmeet Ram Rahim Singh (गुरमीत राम रहीम सिंह) द्वारा आयोजित एक ऑनलाइन ‘सत्संग’ (Online ‘satsang’) में रनाल पंचायती चुनाव में खड़े उम्मीदवारों और BJP के कई नेताओं ने हिस्सा लिया।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस कार्यक्रम में करनाल की मेयर रेणु बाला गुप्ता समेत BJP के कई नेता शामिल हुए। राम रहीम ने उत्तर प्रदेश (UP) में अपने बागपत स्थित आश्रम से ऑनलाइन सत्संग को संबोधित किया।
बलात्कार (Rape) और हत्या (Murder) के दोषी स्वयंभू बाबा से आशीर्वाद लेने के लिए करनाल (Karnal) के मेयर का एक वीडियो (Video) सामने आने के तुरंत बाद, विपक्ष ने भाजपा की खिंचाई की और आरोप लगाया कि हरियाणा में आगामी उपचुनाव और पंचायत चुनावों को प्रभावित करने के लिए राम रहीम को पैरोल दी गई।
रहीम को राज्य में आमंत्रित करते हुए सुना जा सकता है
वायरल वीडियो (Viral Video) में रेणु बाला को उपचुनाव का जिक्र करते और राम रहीम (Ram Rahim) को राज्य में आमंत्रित करते हुए सुना जा सकता है।
करनाल मेयर के कार्यक्रम में दोषी धर्मगुरु को ‘पिजाती’ (पिता) कहा जाने लगा। रेणु बाला (Renu Bala) के अलावा उप महापौर नवीन कुमार और वरिष्ठ उप महापौर राजेश अग्गी सहित अन्य नेता भी चुनाव के उम्मीदवारों के अलावा ऑनलाइन कार्यक्रम में शामिल हुए।
विधानसभा सीट पर 3 नवंबर को उपचुनाव
कार्यक्रम में अपनी भागीदारी का बचाव करते हुए वरिष्ठ उप महापौर ने कहा कि उन्हें ‘साध संगत’ से सत्संग में आमंत्रित किया गया था “मेरे वार्ड में कई लोग राम रहीम से जुड़े हुए हैं।
हम सामाजिक संबंध से कार्यक्रम में पहुंचे और इसका BJP and Haryana (भाजपा और हरियाणा) में आगामी उपचुनाव से कोई लेना-देना नहीं है।
गौरतलब है कि हरियाणा में आदमपुर विधानसभा सीट पर 3 नवंबर को उपचुनाव होना है। राज्य के नौ जिलों में 9 और 12 नवंबर को पंचायत चुनाव भी होंगे।
आश्रम में अपनी दो महिला शिष्यों से बलात्कार
राम रहीम सिरसा (Sirsa) स्थित अपने आश्रम में अपनी दो महिला शिष्यों से बलात्कार (Rape of Female Disciples) के मामले में 20 साल की जेल की सजा काट रहा है, जहां डेरा मुख्यालय है।
पंचकूला में अगस्त, 2017 में CBI की एक विशेष अदालत ने स्वयंभू बाबा को दोषी ठहराया था। 2021 में राम रहीम, चार अन्य लोगों के साथ, 2002 में डेरा प्रबंधक रंजीत सिंह को मारने की साजिश के लिए भी दोषी ठहराया गया था।
उन्हें 2019 में 16 साल से अधिक समय पहले एक पत्रकार (Journalist) की हत्या (Murder) के लिए भी दोषी ठहराया गया था।