मुंबई: महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक विभाग के मंत्री नवाब मलिक ने विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस पर भ्रम फैलाकर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया है।
मलिक ने कहा कि पुलिस तबादलों के मुद्दे पर फडणवीस जिस डाटा के नाम पर भ्रम फैला रहे हैं, वह सार्वजनिक करें।
मलिक ने कहा कि सिर्फ सरकार गिराने के लिए फडणवीस तरह- तरह की हर दिन नई साजिश रच रहे हैं।
सरकार इन साजिशों का सामना करने के लिए तैयार है।
नवाब मलिक ने मंगलवार को पत्रकारों को बताया कि देवेंद्र फडणवीस ने जिस पुलिस तबादला रैकेट का आरोप लगाया है, इसकी जानकारी प्रकाश में आने के बाद सभी तबादले रोक दिए गए थे।
इनमें बिपिन बिहारी सिंह, संजय वर्मा, संदीप आदि शामिल हैं। फडणवीस के इशारे पर रश्मि शुक्ला बिना गृह विभाग की अनुमति लिये राज्य में सत्ता परिवर्तन करने के लिए फोन टेप कर रही थीं, इसी वजह से उनका तबादला किया गया।
राज्य में पुलिस विभाग में तबादले के लिए समिति है, इसके सदस्य खुद पुलिस महानिदेशक रहते हैं। इसी समिति की अनुशंसा पर ही पुलिस वालों का तबादला किया गया है।
नवाब मलिक ने कहा कि विपक्षी नेता देवेंद्र फडणवीस ने गृहमंत्री अनिल देशमुख के कोरोना के उपचार के बाद एकांतवास के बारे सवाल खड़ा किया है।
कोरोना से ठीक होने के बाद 15 फरवरी को मुंबई निजी विमान से आए थे और शासकीय निवास पर ही थे।
फडणवीस ने वीआईपी कार्यक्रम का हवाला दिया लेकिन बाद में खुद कहा था कि अनिल देशमुख इन जगह उपस्थित थे या नहीं, इसकी जानकारी उन्हें नहीं है। मलिक ने कहा कि इसी तरह फडणवीस भ्रम फैलाकर लोगों को गुमराह कर रहे हैं।
नवाब मलिक ने कहा कि एंटिलिया मामले में गिरफ्तारी से पहले सचिन वाझे पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह से मिले थे।
साथ ही परमबीर सिंह ने मुंबई में सांसद मोहन डेलकर की आत्महत्या की जांच का दबाव डालने का आरोप गृहमंत्री पर लगाया है। मोहन डेलकर की आत्महत्या मुंबई में हुई थी।
इसी वजह से गृहमंत्री ने इस मामले की जांच का निर्देश पुलिस आयुक्त को दिया था, जो किसी भी कीमत पर गलत नहीं कहा जा सकता है।
नवाब मलिक ने कहा कि परमबीर सिंह ने राज्य सरकार के विरुद्ध सर्वोच्च न्यायालय में जो याचिका दायर की है, उसका सामना किया जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार की ओर सर्वोच्च न्यायालय में शपथपत्र दाखिल किया जाएगा।
मलिक ने कहा कि देवेंद्र फडणवीस कुछ पुलिस अधिकारियों के साथ मिलकर राज्य सरकार के विरुद्ध साजिश रच रहे है लेकिन इसका असर महाविकास आघाड़ी सरकार पर नहीं होगा।