रांची: झारखंड के डीजीपी एमवी राव ने पुलिस मुख्यालय मेंं झंडोत्तोलन किया। मौके पर डीजीपी ने कहा कि हमारे पूर्वजों का सपना था कि हमारा देश सिर्फ अंग्रेजों से ही नहीं बल्कि, धर्म और जाति में फंसी संकीर्ण मानसिकता पर आजादी प्राप्त कर ले।
सामाजिक और धार्मिक विविधताओं वाले हमारे देश का हर नागरिक सभी धर्मों का बराबर सम्मान करे। शान्ति और अहिंसा इस लोकतांत्रिक देश का हथियार बने।
हर व्यक्ति शान्तिपूर्वक और सुरक्षित जीवन व्यतीत करे। राव ने कहा कि अब ये हमारा दायित्व है कि झारखण्ड को समानता के साथ विकास की ओर ले जाने में हम सभी अपना-अपना हर संभव सहयोग दें।
झारखण्ड पुलिस राज्य के आम लोगों की सुरक्षा और समाज में सम्मान के साथ जीने की परिस्थितियाँ पैदा करने सहित राज्य को विकास की ओर अग्रसर करने के लिये अनुकूल वातावरण बनाने में अपना पूर्ण सहयोग प्रदान करने के लिये कटिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि राज्य में असामाजिक तत्वों द्वारा लगातार एक अच्छे माहौल और परिवेश को बिगाड़ कर सामाजिक विद्वेष और अशान्ति का माहौल बनाने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन ऐसे समय में ये हमारी नैतिक जिम्मेदारी है कि राज्य में शान्ति व्यवस्था स्थापित रखने के लिए हम सदैव सजग, सतर्क और कृत-संकल्प रहें।
हमारी प्राथमिकता अपराधियों के विरूद्ध निरन्तर कार्रवाई करते हुये उनकी गतिविधियों पर अंकुश लगाना ही नहीं, बल्कि नक्सली गतिविधियों को जड़ से उखाड़ फेंकना भी अहम लक्ष्य है।
विगत कुछ दिनों में नक्सली संगठनों द्वारा अपनी पहचान बनाये रखने के इरादे से आतंक फैलाने का प्रयास किया गया, लेकिन आपकी सक्रियता से वो अपने नापाक ईरादों में कामयाब नहीं हो सके।
पिछले वर्ष नक्सलियों के विरूद्ध झारखण्ड पुलिस ने लगातार सफलतायें प्राप्त की हैं।
न सिर्फ पुलिस मुठभेड़ में कई दुर्दान्त नक्सली मारे गये बल्कि राज्य सरकार की आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर कई नक्सलियों ने आत्मसमर्पण भी किया है।
हम राज्य के दूर-दराज ईलाकों और ग्रामीण क्षेत्रों में पुलिस के प्रति आम जनता के विश्वास में बढ़ोत्तरी के लिए निरन्तर प्रयत्नशील हैं, ताकि झारखण्ड के विभिन्न क्षेत्रों में नक्सलियों का जनाधार अपनी अंतिम सांस लेने पर मजबूर हो जाये।
गतवर्ष झारखण्ड पुलिस के द्वारा नक्सलियों के विरूद्ध चलाये गये कारगर अभियानों के फलस्वरूप कुल-459 गिरफ्तारियाँ हुई हैं, जिनमें 8 जोनल कमांडर, 20 सब जोनल कमांडर तथा 21 एरिया कमांडर हैं।
जबकि 45 पुलिस हथियार, 11 रेगुलर हथियार सहित कुल 180 देशी हथियार, 7049 कारतूस एवं 276 लैण्ड माईन्स एवं ग्रेनेड, 3666 डेटोनेटर सहित दो नक्सली ठिकाने तथा एक बंकर भी नष्ट किया गया। इसके अतिरिक्त नक्सलियों द्वारा चलाये जा रहे एक अवैध हथियारों की फैक्ट्री का भी उद्भेदन किया गया।
कुल-21.13 लाख रूपये की लेवी रकम की बरामदगी हो चुकी है। नक्सलियों को समाज की मुख्य धारा में लाने के लिए बनाये गये आत्मसर्मपण और पुनर्वास नीति का भी सकारात्मक फलाफल रहा है, जिसके तहत गत वर्ष कुल-14 नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं।
राज्य के सभी साईबर अपराधिक गतिविधियों से ग्रसित क्षेत्रों में जोरदार तरीके से कार्रवाई की जा रही है।
इन कार्रवाईयों के दौरान 1022 गिरफ्तारी और 93 लाख 86 हजार 670 रूपये भी जप्त किये गये।
इसके अतिरिक्त यू-ट्यूब चैनल के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को साईबर सुरक्षा के लिए जागरूक किया जा रहा है। आम जनता की सहायता के लिये राज्य में झारखंड ऑनलाइन एफआईआर प्रारम्भ है, जिसमें अब तक कुल-57247 मामले प्राप्त हुए हैं।
जिनमें 51081 मामलों का निष्पादन किया जा चुका है, 6166 मामले लंबित हैं और 2130 मामलों में प्राथमिकी दर्ज की गयी है।
सोशल मीडिया के इस दौर में झारखण्ड पुलिस के ट्विटर पृष्ठ पर कुल 7907 शिकायतें आई जिनमें 7385 मामलों का निष्पादन कर दिया गया।वर्तमान में कुल 522 शिकायतें लंबित हैं जिनका निराकरण किया जा रहा है।
अन्त में, सम्पूर्ण झारखण्ड राज्य में शांति व्यवस्था स्थापित करने के लिये झारखंड पुलिस के सभी कर्मियों एवं पदाधिकारियों से मैं आह्वान करता हूँ कि वे राज्य में कुशल और उत्तरदायी पुलिस प्रशासन स्थापित करने में अपना हाथ बटायें।
साथ ही एक सुरक्षित तथा अपराध-मुक्त झारखण्ड राज्य स्थापित करने की दिशा में अपनी उत्कृष्ट सेवा राज्य को दें।
इस पावन दिवस पर बहादुरी, दिलेरी, जांबाजी और कर्तव्यपरायण्ता की असाधारण मिसालें पेश करते हुये अपने प्राणों की आहूति देने वाले झारखण्ड पुलिस के जाँबाज जवानों के बलिदान पर मैं उन्हें विशेष रूप से अपनी श्रद्धांजलि पेश करता हूँ। इस अवसर पर झारखंड पुलिस के वरीय अधिकारी और पुलिसकर्मी मौजूद थे।