ढाका: अमेरिका द्वारा चीन को हिंद महासागर में घेरने की कोशिश के चलते उसके बांग्लादेश के साथ संबंध खराब हो रहे हैं।
इसी क्रम में अमेरिका ने बांग्लादेश के रैपिड एक्शन बटालियन और कुछ सैन्य अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाया है। बांग्लादेश ने भी ढाका में अमेरिकी राजदूत को तलब कर विरोध जताया है।
बांग्लादेश के विदेश सचिव ने अमेरिका के इस फैसले को एकतरफा और गैरजरूरी करार दिया है। माना जा रहा है कि अमेरिका के इस कदम से बांग्लादेश और चीन के संबंध और ज्यादा मजबूत हो सकते हैं।
अमेरिकी वित्त मंत्रालय के ऑफिस ऑफ फॉरेन असेट्स कंट्रोल ने 10 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के अवसर पर चीन, रूस, म्यांमार, उत्तर कोरिया सहित कई देशों के 10 संगठनों और 15 लोगों पर प्रतिबंध लगाए।
इन प्रतिबंधों की सूची में बांग्लादेश के रैपिड एक्शन बटालियन और कुछ सुरक्षा अधिकारी भी शामिल हैं। अमेरिका ने ये प्रतिबंध मानवाधिकार हनन और लोगों को प्रताड़ित करने के मामलों को लेकर लगाया है।
अमेरिका ने जिन बांग्लादेशी अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाया है, उनमें रैपिड एक्शन बटालियन के वर्तमान प्रमुख चौधरी अब्दुल्ला अल मामून , बांग्लादेश के वर्तमान पुलिस प्रमुख बेनजीर अहमद, के अलावा कुछ और अधिकारी भी शामिल हैं।
इसके अलावा रैपिड एक्शन बटालियन और कुछ पूर्व प्रमुखों पर भी प्रतिबंध का ऐलान किया गया है। इसका मतलब कि अब बांग्लादेश अपने इस फोर्स के लिए अमेरिका से कोई हथियार नहीं खरीद सकता।
इसके अलावा प्रतिबंधित अधिकारी न तो अमेरिका की यात्रा कर सकते हैं और न हीं अमेरिकी बैंकों से लेनदेन कर सकते हैं।