धनबाद: स्वास्थ्य विभाग व प्रशासन की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है, जहां कोरोना संक्रमित मरीज पिछले चार दिनों से गायब है, लेकिन इसकी खबर न स्वास्थ्य विभाग को है और न जिला प्रशासन को।
सिर्फ कागज पर जिले में कोरोना का एक एक्टिव केस होने की खानापूर्ति की जा रही है। एक्टिव केस कहां व किस हाल में है, इसकी जानकारी किसी को नहीं है।
यह है मामला
19 नवंबर को 51 वर्षीय व्यक्ति की कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई। संक्रमित हीरापुर का है। रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद आईडीएसपी ने कैथलैब डेडिकेटेड कोविड.19 केयर सेंटर को सूचना दी, लेकिन मरीज अबतक नहीं पहुंचा।
संक्रमित के नहीं आने पर कैथलैब के अधिकारियों ने भी उसे गंभीरता से नहीं लिया। और न ही आईडीएसपी, स्वास्थ्य विभाग या जिला प्रशासन ने मरीज के बारे में पूछताछ करना जरूरी समझा।
कोरोना जांच के दौरान फॉर्म पर मरीज का मोबाइल नंबर लिया गया था, जो अब गलत बताया जा रहा है। कॉल रिसीव करनेवाला व्यक्ति संक्रमित को पहचानने से साफ इनकार कर रहा है।
वह उसे नहीं जानता है। इधर, गायब कोरोना संक्रमित दूसरे कई लोगों को संक्रमित कर सकता है। यदि वह मेडिकल कॉलेज अस्पताल के ही किसी दूसरे वार्ड में भर्ती है, तो उससे वहां भर्ती अन्य मरीज व उनके परिजनों के संक्रमित होने का खतरा है।
क्या कहते हैं सर्विलांस ऑफिसर
इधर, डिस्ट्रिक्ट सर्विलांस ऑफिसर डॉ राजकुमार सिंह ने कहा कि संक्रमित एसएनएमएमसीएच में भर्ती था। पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद उसे कैथलैब शिफ्ट करने का आदेश दिया गया।
जानकारी मिली है कि वह मेडिकल कॉलेज के ही किसी कर्मी का भाई है। चिन्हित करके कार्रवाई की जाएगी।