धनबादः जिले के झरिया थाना क्षेत्र की बिहार बिल्डिंग के समीप 8 नवंबर को बिजली तार की चपेट में आकर झुलसे लोगों की मौत का सिलसिला थम नहीं रहा है।
14 नवंबर को 14 वर्षीया सानवी की मौत के बाद अब 20 नवंबर की देर रात बड़ी मां सुनीता देवी ने भी उसी अस्पताल में दम तोड़ दिया। वहीं, अस्पताल में 2 वर्षीय सत्यम व 8 वर्षीय वंशिका अब भी जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रही हैं।
बता दें कि हादसे में पांच लोग बुरी तरह झुलस गए थे, जिसमें एक ही परिवार के 4 सदस्य शामिल हैं। इनका इलाज रांची के देवकमल अस्पताल में हो रहा था। इस तरह हादसे से एक परिवार पर गमों का पहाड़ टूट पड़ा है।
बिजली विभाग की लापरवाही ने हंसते-खेलते परिवार की छीन ली खुशियां
स्थानीय लोगों का कहना है कि बिजली विभाग की लापरवाही के कारण यह हादसा हुआ और एक हंसते-खेलते परिवार पर आफत आ पड़ी। चार सदस्यीय परिवार के मुखिया का नाम राहुल केसरी है।
उन्होंने बताया कि हादसा सरासर बिजली विभाग की लापरवाही का परिणाम है। सरकार या बिजली विभाग की ओर से अभी तक परिजनों को किसी प्रकार का सहयोग नहीं मिला है।
झरिया में लोगों के बीच आक्रोश
सुनीता की मौत से झरिया में शोक की लहर दौड़ गई है। बिजली विभाग के खिलाफ लोगों में आक्रोश है। जानलेवा खुले तारों को अविलंब बंद करने के लिए लोगों ने आंदोलन छेड़ दिया है।
इसके पहले सानवी की मौत के बाद झरिया वासियों ने कैंडल मार्च निकालकर शोक-संवेदना व्यक्त की थी।