धनबाद: झारखंड के किसी भी प्राइवेट अस्पताल में भर्ती मरीजों को यदि सरकारी ब्लड बैंक से खून लेना हो तो उन्हें 1050 रुपए प्रोसेसिंग चार्ज देना होगा।
एसएनएमएमसीएच स्थित जिले के एकमात्र सरकारी ब्लड बैंक में यह नियम लागू हो गया है। अब तक मरीजों को ब्लड के लिए कोई प्रोसेसिंग चार्ज नहीं देना पड़ता था।
ताजा निर्णय से रक्तदान में सहयोग करने वाली संस्थाओं में आक्रोश है। इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग का तर्क है कि प्राइवेट अस्पतालों द्वारा आयुष्मान योजना के तहत प्रति यूनिट ब्लड के लिए 2000 रुपए का दावा किया जाता है।
फ्री ब्लड की क्या है शर्त
एसएनएमएमसीएच स्थित ब्लड बैंक के प्रभारी डॉ एके सिंह ने बताया है कि विभागीय निर्देश के अनुसार सरकारी अस्पताल में भर्ती मरीजों को ब्लड निरूशुल्क ही मिलेगा।
इन्हें प्रोसेसिंग चार्ज भी नहीं लगेगा। यह नियम सिर्फ प्राइवेट अस्पतालों के लिए है। प्राइवेट अस्पताल में भर्ती मरीज को भी निरूशुल्क ब्लड मिल सकेगा, लेकिन इसके लिए अस्पताल प्रबंधन को यह लिखित देना होगा कि मरीज का इलाज आयुष्मान योजना या बीमा के तहत नहीं किया जा रहा और मरीज गरीब है।
रक्तदान में सहयोग करने वाली संस्थाओं ने जताया विरोध
इधर, लोगों को रक्तदान के लिए प्रेरित करने वाले समाजसेवी अंकित राजगढ़िया ने सरकार के इस निर्णय का विरोध किया है।
कहा है कि हम जरूरतमंदों को मुफ्त में ब्लड देते हैं और सरकार इसी ब्लड से पैसा कमाएगी। अर्पिता अग्रवाल ने कहा है कि सरकार के इस निर्णय से रक्तदाताओं के उत्साह में कमी आएगी।