Dheeraj Sahu Cash Seize : धीरज साहू (Dheeraj Sahu) से जुड़े ठिकानों पर 6 दिसंबर से IT की कार्रवाई शुरू हुई थी। इस छापेमारी में कुल 351 करोड़ रुपये मिले हैं। इसे अब तक की सबसे ज्यादा कैश बरामदगी के तौर पर देखी जा रही है।
ये कार्रवाई शराब से जुड़े कारोबार में टैक्स चोरी (Tax evasion) की आशंका में शुरू हुई थी। जिसमें आयकर विभाग ने टैक्स चोरी के आरोप में शराब कारोबार से जुड़ी कंपनी समूह के ठिकानों पर छापे शुरू किए थे।
जिसमें बौद्ध डिस्टीलरी प्राइवेट लिमिटेड, बलदेव साहू इन्फ्रा लिमिटेड, क्वालिटी बॉटलर्स और किशोर प्रसाद-विजय प्रसाद बिवरेज लिमिटेड नाम की कंपनियां शामिल हैं।
धीरज प्रसाद साहू का राजनीती में करियर
दरअसल धीरज प्रसाद साहू राजनीति में भी बड़ा नाम है, धीरज साहू तीसरी बार राज्यसभा सांसद बने हैं। इसके अलावा वे चतरा लोकसभा सीट से भी दो बार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन सफलता नहीं मिली।
पहली बार धीरज साहू साल 2009 में हुए उपचुनाव में राज्यसभा सांसद बने थे। उसके बाद फिर 2010 में दूसरी बार और 2018 में तीसरी बार राज्यसभा पहुंचे।
अगर घोषित संपत्ति की बात करें तो साल 2018 में राज्यसभा चुनाव के दौरान धीरज प्रसाद साहू ने जो शपथ पत्र चुनाव आयोग को दिया था, उसमें अपनी संपत्ति 34 करोड़ रुपये बताई थी।
उन्होंने खुद पर 2.36 करोड़ रुपये का कर्ज भी घोषित किया था। जबकि वित्त वर्ष 2016-17 के इनकम टैक्स रिटर्न में उन्होंने अपनी आमदनी 1 करोड़ रुपये से अधिक बताई थी। हलफनामे के अनुसार उनके पास एक Range Rover, एक Fortuner, एक BMW और एक Pajero car है।
40 साल पहले ओडिशा में देशी शराब बनानी शुरू की
कांग्रेसी सांसद धीरज प्रसाद साहू का परिवार शराब कारोबार से जुड़ा है। बलदेव साहू एंड ग्रुप ऑफ कंपनीज मूल रूप से झारखंड के लोहरदगा जिले की है। इस कंपनी ने 40 साल पहले ओडिशा में देशी शराब बनानी शुरू की थी।
कंपनी की बौद्ध डिस्टिलरी प्राइवेट लिमिटेड (BDPL) की साझेदारी फर्म है। इसी कंपनी की बलदेव साहू इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड, क्वालिटी बॉटलर्स प्राइवेट लिमिटेड और किशोर प्रसाद विजय प्रसाद बेवरेज प्राइवेट लिमिटेड भी है।
इसमें बलदेव साहू इन्फ्रा फ्लाई ऐश ईंटों का काम करती है, बाकी कंपनियां शराब कारोबार से जुडी हैं। इनकी टैक्स चोरी के शक में जांच एजेंसी ने झारखंड के रांची और लोहरदगा के अलावा ओडिशा के बलांगीर, संबलपुर, रायडीह इलाकों में कार्रवाई शुरू की थी।
बता दें, झारखंड और ओडिशा में ज्यादातर शराब कंपनियां धीरज साहू के परिवार की है। इसके अलावा धीरज साहू के कई अन्य बिजनेस भी हैं। रांची का मशहूर सफायर इंटरनेशनल स्कूल और हास्पिटल भी इनके परिवार द्वारा चलाया जाता है।
साहू परिवार का बिजनेस
साहू परिवार का Buddhist Distillery Private Limited (बीडीपीएल) एक ग्रुप है, जिसके अंदर कई कंपनियां हैं। BDPL ग्रुप का मुख्यालय ओडिशा में है। इस ग्रुप की 4 अलग-अलग कंपनियां 6 व्यावसाय में लगी हैं।
BDPL समूह की हर कंपनियां निदेशक मंडल के मार्गदर्शन और पर्यवेक्षण के तहत स्वतंत्र रूप से काम करती हैं। कंपनियों में Boudh Distillery Private Limited (ENA, CO2, DDGS), Baldev Sahu Infra Private Limited (फ्लाई ऐश ब्रिक्स), Kwality Bottlers Private Limited (आईएमएफएल बॉटलिंग) और Kishore Prasad Bijay Prasad Beverages Private Limited (आईएमएफएल ब्रांडों की बिक्री और विपणन) शामिल हैं।
कंपनी की वेबसाइट के मुताबिक साहू परिवार का करीब 125 साल से शराब कारोबार में वर्चस्व है, और झारखंड और ओडिशा में अधिकतर साहू परिवार की शराब फैक्ट्रियां हैं और रिटेल शॉप भी इन्हीं के नाम पर हैं।
कंपनी का कहना है कि महुआ शराब (Mahua Liquor) को बेहतर तरीके से बाजार में पहुंचाने का काम भी कंपनी करती है, कंपनी के इस पहल से झारखंड और ओडिशा के ग्रामीण इलाकों में लोगों की आमदनी बढ़ी है।