नई दिल्ली: बागेश्वर धाम (Bageshwar Dham) के कथावाचक पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Pt. Dhirendra Krishna Shastri) इन दिनों सुर्खियों में बने हुए हैं।
हाल ही में उन्हें किसी अज्ञात शख्स ने जान से मारने की धमकी दी है। बताया जा रहा है कि Dhirendra Shastri के चचेरे भाई लोकेश गर्ग के फोन पर दी गई धमकी के बाद छतरपुर के बमीठा थाने में FIR दर्ज की गई और मामले की जांच में पुलिस जुट गई है।
बता दें, बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर इन दिनों छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) की राजधानी रायपुर (Raipur) में कथावाचन कर रहे हैं।
आरोपी की तलाश में जुटी पुलिस
छतरपुर SP सचिन शर्मा ने बताया कि आरोपी का नाम अमर सिंह है। थाना बमीठा में धारा 506, 507 के अंतर्गत अमर सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
पुलिस आरोपी की तलाश कर रही है। वहीं, इस मामले पर प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा (Narottam Mishra) ने कहा कि मामले में पुलिस ने FIR दर्ज कर ली है।
साइबर सेल (Cyber Cell) को भी जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है। शिकायत पर उचित कार्रवाई की जाएगी।
विवादों और सुर्खियों में चल रहे बागेश्वर धाम वाले धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को जान से मारने की धमकी दी गई है।
धीरेंद्र शास्त्री के चचेरे भाई लोकेश गर्ग के फोन पर दी गई धमकी के बाद छतरपुर के बमीठा थाने में FIR दर्ज की गई है।
पुलिस ने शिकायत दर्ज करके आरोपी की तलाश शुरू कर दी है। फोन पर धमकी देने वाले शख्स ने अपना नाम अमर सिंह बताया है। उसने फोन करके धीरेंद्र शास्त्री की तेरहवीं की तैयारी कर लेने को कहा।
धीरेंद्र शास्त्री की तेरहवीं की तैयारी करे तैयारी
लोकेश ने कहा कि 22 जनवरी को रात 9:15 बजे कॉल आया। इसे रिसीव करने पर फोन करने वाले ने धीरेंद्र शास्त्री से बात कराने को कहा।
जब लोकेश ने कहा कि वह बात नहीं करा सकता है तो उसने धीरेंद्र शास्त्री की तेरहवीं की तैयारी कर लेने को कहा। शख्स ने फोन काटने से पहले अपना नाम अमर सिंह बताया।
कई राज्यों में हैं इनके लाखों अनुयायी
महज 27 साल के धीरेंद्र शास्त्री के मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों में लाखों अनुयायी हैं। धीरेंद्र शास्त्री की लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि बड़े से बड़े नेता भी उनके सामने सिर झुकाते हैं।
मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा से लेकर मोदी सरकार के मंत्री नितिन गडकरी तक उनसे आशीर्वाद लेते दिख चुके हैं।
आरोप लगा कि इसके बाद धीरेंद्र शास्त्री ने तय समय से 2 दिन पहले ही कथा समाप्त कर दी। धीरेंद्र शास्त्री ने इसे खारिज करते हुए चुनौती को स्वीकार किया और समिति के संस्थापक श्याम मानव को रायपुर आने को कहा।