भोपाल : मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने खरगोन में हुई हिंसा को लेकर किए ट्विट की विवादित तस्वीर को भले ही डीलिट कर दिया, मगर यह उनके गले की मुसीबत बन गई है।
मुसीबत में घिरे दिग्विजय सिंह को अपनी ही पार्टी का साथ नहीं मिल रहा है, वे पूरी तरह अकेले पड़ गए है। वहीं दूसरी ओर भाजपा के हमले तेज हो गए हैं।
रामनवमीं के जुलूस पर हुए पथराव के बाद खरगोन में हिंसा भड़की, इसके बाद दिग्विजय सिंह के ट्विट में एक ऐसी तस्वीर आई जो खरगोन की नहीं थी।
इसमें एक व्यक्ति को दूसरे धर्म के धार्मिक स्थल पर झंडा लगाते हुए दिखाया गया था। बाद में इस तस्वीर को दिग्विजय सिंह ने डीलिट कर दिया।
दिग्विजय सिंह ने भले ही तस्वीर को ट्विटर से डीलिट कर दिया, मगर तब तक उसके स्क्रीन शॉट सोशल मीडिया पर वायरल हो चुके थे। भाजपा हमलावर हो चुकी है, वहीं एक व्यक्ति ने दिग्विजय सिंह के खिलाफ भोपाल में मामला दर्ज कराया है, इसी तरह अन्य स्थानों पर भी प्रकरण दर्ज हुए है।
मामला दर्ज होने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री सिंह अकेले ही अपना मोर्चा संभाले नजर आ रहे है। सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के तीन साल पुराने एक ट्विट को लेकर पुलिस कमिश्नर को शिकायत करते हुए मामला दर्ज करने की मांग की।
उनका आरोप है कि कांग्रेस के वरिष्ठ राहुल गांधी के वीडियो से छेड़छाड़ कर चौहान ने पोस्ट किया था। इस पर चौहान के खिलाफ मामला दर्ज होना चाहिए, छेड़छाड़ वाला वीडियो अब भी चौहान के ट्विटर पर मौजूद है, यह भी दावा पूर्व मुख्यमंत्री ने किया है।
भाजपा की ओर से संगठन से लेकर सरकार तक ने दिग्विजय सिंह को आड़े हाथों लिया है तो कांग्रेस इस मामले में सिंह के साथ खड़े होने से कतरा रही है।
इतना ही नहीं कांग्रेस के एक विधायक तक ने पूर्व मुख्यमंत्री पर हमला बोला है। छिंदवाड़ा के परासिया विधानसभा से कांग्रेस विधायक सोहन बाल्मीक ने ट्वीट कर कहा, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने जो ट्विट किया है, किसी मस्जिद में कुछ व्यक्तियों द्वारा भगवा झंडा लगाते हुए, इस ट्विट पर भाजपा के सभी बड़े नेताओं ने बयान दिया है और कहा यह मध्य प्रदेश का नहीं हैं। इस सच्चाई का प्रमाण भी दिग्विजय सिंह दें। अन्यथा कांग्रेस को कटघरे में खड़ा न करें।