मुंबई: पाकिस्तान में रहने वाले दिलीप कुमार के रिश्तेदार ने पेशावर में दावा किया कि, उनके पास दिलीप कुमार की संपत्ति की प्रॉपर एंड लीगल पॉवर ऑफ अटॉर्नी है। उन्होंने आगे कहा कि, पेशावर के लोगों के लिए बहुत सम्मान रखने वाले महान एक्टर अपना पैतृक घर उन्हें गिफ्ट में देना चाहते हैं।
दिलीप कुमार के रिश्तेदार, उद्योगपति और सरहद चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के पूर्व अध्यक्ष फुआद इशाक ने बताया कि उनके नाम पर पेशावर में संपत्ति का कानूनी अधिकार उनके पास है।
उन्होंने दावा किया कि 98 वर्षीय बुजुर्ग बॉलीवुड एक्टर ने 2012 में पावर ऑफ अटॉर्नी का मसौदा तैयार किया था। खैबर पख्तूनख्वा सरकार और दिलीप कुमार के पैतृक घर के मालिक इस ऐतिहासिक इमारत की खरीद के लिए तय की गई दर से अधिक रेट पर प्रॉपर्टी को सरकार को संग्रहालय बनाने के लिए देने का आग्रह किया था।
इसके बाद दिलीप कुमार के रिश्तेदार ने यह दावा किया है। इशाक ने कहा कि, बॉलीवुड एक्टर अपने पैतृक घर को गिफ्ट करने के लिए उत्सुक थे क्योंकि पेशावर के लोगों के लिए उनके मन में बहुत सम्मान है। उन्होंने कहा कि अपने पैतृक शहर पेशावर के लिए दिलीप कुमार का प्यार और स्नेह उनके दिल से कभी कम नहीं हुआ।
दरअसल प्रांतीय सरकार ने पिछले महीने पेशावर में राष्ट्रीय स्तर पर घोषित चार मरला (101 वर्ग मीटर) के घर की कीमत 80.56 लाख रुपए लगाई थी।
भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश में भूखंड की माप के लिए उपयोग की जाने वाली पारंपरिक इकाई मारला को 272.25 वर्ग फुट या 25.2929 वर्ग मीटर के बराबर माना जाता है।
हालांकि, दिलीप कुमार के पुश्तैनी घर के मालिक हाजी लाल मुहम्मद ने कहा है कि वह पेशावर प्रशासन के संपर्क करने पर संपत्ति के लिए प्रांतीय सरकार से 25 करोड़ रुपए की मांग करेंगे।
मुहम्मद ने कहा कि उन्होंने जमीन के हस्तांतरण के लिए आवश्यक सभी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद 2005 में 51 लाख रुपए में यह संपत्ति खरीदी थी और घर के सभी दस्तावेज उनके पास हैं।
उन्होंने कहा कि 16 साल बाद संपत्ति के लिए 80.56 लाख रुपए की दर तय कर सरकार इस मामले में अन्याय कर रही है। मोहल्ला ख़ुदाद किस्सा ख्वानी बाजार में संपत्तियां बहुत महंगी हैं, जहां एक मरला जमीन की दर 5 करोड़ रुपए से ऊपर है। उन्होंने कहा कि वह अपने वकील से घर के लिए अधिकारियों के माध्यम से 25 करोड़ रुपये की मांग करेंगे।
घर के मालिक ने पूछा कि, ‘इस क्षेत्र में 4 मरला की संपत्ति को 80 लाख रुपए में कैसे बेचा जा सकता है, जबकि 1 मरला जमीन की दर 5 करोड़ रुपए है?’