सिमडेगा: झारखंड में प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (PLFI) के सुप्रीमो दिनेश गोप (Dinesh Gope) को रविवार को हवाई जहाज से रांची लाया गया।
Dinesh Gope पर सिमडेगा जिले के कई थाना इलाकों में तूती बोलती थी। विशेषकर जिले के कोलेबिरा, बानो व जलडेगा (Kolebira, Bano and Jaldega) थाना इलाके में दिनेश गोप आतंक का प्रयाय था।
जिले के विभिन्न थानों में दिनेश गोप के खिलाफ 24 आपराधिक मामले (Criminal Cases) दर्ज हैं। लगभग 15 साल तक कोलेबिरा, बानो व जलडेगा थाना इलाके के लोग दिनेश गोप के खौफ के साये में रहे।
दिनेश गोप के खौफ के कारण जलडेगा, कोलेबिरा व बानो थाना इलाके के ग्रामीण इलाके में लोग शाम होने से पहले अपने घरों में आ जाया करते थे। तीनों थाना क्षेत्र के ग्रामीण इलाको में रहने वाले व्यवसायी गांव छोड़कर शहरो में बसने को मजबूर हो गये थे।
दिनेश गोप ने सबसे पहले अपने नाम से अपराधिक गिरोह (Criminal Gang) बनाया। इसके बाद दिनेश गोप ने अपने संगठन का नामकरण किया तथा संगठन का नाम JLT रखा।
JLT पर सरकार द्वररा प्रतिबंध लगा दिये जाने के बाद पुन: दिनोश गोप ने संगठन का नाम JLT को बदल का पीपुल्स फ्रंट आ़फ इंडिया (People’s Front of India) रख दिया। संगठन पर भी सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया।
15 साल तक रहा दिनेश गोप का आतंक
दिनेश गोप का आतंक 2003 से लेकर लगभग 2018 तक इलाके में रहा। दिनेश गोप का मुख्य काम लेवी (Levy) वसूलना था। लेवी नहीं देने पर लोगों को मौत के घाट उतार देना आम बात थी। दिनेश गोप इलाके में दहशत फैलाने जघन्य तरीके से हत्याकांड को अंजाम दिया करता था। कई बार पुलिस से भी मुठभेड़ की घटना में भी दिनेश गोप शामिल था।
हथियार की फैक्ट्री का करता था संचालन
अवैध हथियार की फैक्ट्री (Illegal Arms Factory) भी संचालन दिनेश गोप करता था। महाबुआंग के घनघोर जंगलों के बीच में दिनेश गोप के आराम की सभी साधन मौजूद थी। जघनघोर जंगल के बीच हथियार बनाने की फैक्ट्री लगाया गया था। साउंलेस जेनरेटर भी लगा हुआ था।
CRPF व जिला पुलिस बल के संयुक्त कार्रवाई में फैक्ट्री को नष्ट कर दिया गया था। उसके बाद से दिनेश गोप अत्याधुनिक हथियारों (Cutting Edge weapons) का इस्तेमाल करना लेगा। अपने गुर्गो को भी AK-47 से लैश कर रखा था।
शाम के पहले ही गांव में सन्नाटा पसर जाता था
दिनेश गोप का दहशत इतना था कि शाम के बाद ग्रामीण इलाकों में यहां तक कि बानो और जलडेगा प्रखंड मुख्यालय (Bano and Jaldega Block Headquarters) के आसपास में भी लोग शाम होने से पहले अपने घरों में आ जाया करते थे।
दिनेश गोप और उसके गुर्गो (Dinesh Gope and His Henchmen) के द्वारा लेवी नहीं देने पर अत्यंत ही क्रूर तरीके से हत्याकांड को अंजाम दिया जाता था, ताकि उसे क्षेत्र में दहशत फैल सके। दिनेश गोप के एक अह्वान पर सिमडेगा जिला पूरी तरह से बंद हो जाता था।
थ्री लेयर की सुरक्षामें रहता था दिनेश गोप
सिमडेगा पुलिस और CRPF को कई अवसर दिनेश गोप को पकड़ने के लिये मिले थे। लेकिन किसी प्रकार दिनेश Police को चकमा देकर फरार हो जाता था।
बताया जाता है कि दिनेश गोप थ्री लेयर की सुरक्षा (Three Layer Security) में रहता था। पुलिस से हर बार मुठभेड़ होने पर दिनेश गोप फारर हो गया।