नई दिल्ली: कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन की मांग के लिए जम्मू में हुई जी-23 नेताओं की बैठक और उसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर गुलाम नबी आजाद की टिप्पणी ने जम्मू-कश्मीर कांग्रेस इकाई में भूचाल ला दिया है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गुलाम अहमद मीर पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से मिलने दिल्ली पहुंचे। मीर ने संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और राज्य प्रभारी रजनी पाटिल से मुलाकात की।
सूत्रों के अनुसार, मीर ने इस घटना के बाद राज्य और राजनीतिक स्थिति के बारे में पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को विस्तार से जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि राज्य इकाई के कार्यकर्ता पीएम मोदी के बारे में आजाद की टिप्पणी से नाराज हैं। मीर ने वरिष्ठ नेतृत्व को बताया की इस घटनाक्रम का कार्यकर्ताओं के बीच गलत संदेश गया है।
गुलाम अहमद मीर फिलहाल दिल्ली में ही रहेंगे और इस मुद्दे पर कई बैठकों में शामिल होंगे। उल्लेखनीय है कि इस बैठक को जम्मू में गांधी ग्लोबल फैमिली द्वारा आयोजित किया गया था, जिसके राष्ट्रीय अध्यक्ष गुलाम नबी आज़ाद हैं।
इसमें जी-23 के नेताओं को आमंत्रित किया गया था, लेकिन प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और पार्टी के अन्य नेताओं को इस आयोजन से अलग रखा गया था।
आजाद ने जी -23 सदस्यों की उपस्थिति में विभिन्न जिलों के कांग्रेस कार्यकर्ताओं से भी मुलाकात की थी।
जी-23 के कुछ नेताओं को भी गुलाम नबी आजाद का बयान पसंद नहीं आया। एक नेता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि आजाद को यह टिप्पणी नहीं करनी चाहिए क्योंकि इससे पार्टी को मजबूत करने के जी-23 के लक्ष्य से ध्यान हट सकता है।
गुलाम नबी आजाद ने एक कार्यक्रम में पीएम मोदी पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसे नेताओं को पसंद करते हैं, जिन्हें अपनी जड़ों पर गर्व है।
इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी चाय-विक्रेता के रूप में अपने अतीत के बारे में खुलकर बोलते हैं।
ज्ञात हो कि कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन की मांग करने वाले पार्टी के असंतुष्ट नेताओं को जी-23 कहा जाता है। इन नेताओँ का कहना है कि पार्टी कमजोर हो रही है।
इसे मजबूत करने के लिए एक साथ आए हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में राज्यसभा में आजाद को विदाई देते समय उनकी जमकर तारीफ की थी।