नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और लक्जमबर्ग के उनके समकक्ष जेवियर बेटटेल ने गुरुवार द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन में आपसी संबंधों से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श किया।
इसमें कोरोना वायरस महामारी, संयुक्त अंतरिक्ष कार्यक्रम और व्यापार संभावनाएं शामिल रहीं। 20 वर्षों के बाद हुए इस वर्जुअल शिखर सम्मेलन में भारत और लक्जमबर्ग के बीच तीन नए समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए।
भारत-यूरोप के साथ अपने संबंधों में निरंतर प्रगति कर रहा है। इस महीने हुए 6 शिखर सम्मेलन में से चार यूरोप के साथ रहे। यूरोपीय संघ, डेनमार्क और इटली के बाद आज लक्जमबर्ग के साथ यह शिखर सम्मेलन किया गया।
विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव (पश्चिमी यूरोप) संदीप चक्रवर्ती ने बताया कि बैठक में द्विपक्षीय संबंधों की रचनात्मकता पर ध्यान केंद्रित किया गया और दोनों देशों की आपसी आर्थिक जरूरतों के लिए विशेष प्रयास किए जाने पर बल दिया गया। भारत इसरो और लक्समबर्ग अंतरिक्ष संगठन के बीच एक समझौते पर विचार कर रहा है।
दोनों देशों में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया व लक्जमबर्ग स्टॉक एक्सचेंज, लक्जमबर्ग स्टॉक एक्सचेंज व इंडिया इंटरनेशनल स्टॉक एक्सचेंज और लक्सइनोवेशन व इन्वेस्ट इंडिया के बीच तीन समझौते हुए।
प्रधानमंत्री ने सम्मेलन में कहा कि दोनों देशों के बीच इस्पात, वित्तीय प्रौद्योगिकी, डिजिटल डोमेन के क्षेत्रों में द्विपक्षीय व्यापार समझौतों से जुड़ी अपार संभावनाएं हैं।
उन्होंने कहा कि हाल ही में भारत की अंतरिक्ष एजेंसी ने लक्जमबर्ग के चार उपग्रह लॉन्च किए हैं। उन्होंने लक्जमबर्ग के अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन में शामिल होने का स्वागत किया।
इसमें पीएम जेवियर बेटटेल ने लक्समबर्ग की यात्रा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आमंत्रित किया और प्रधानमंत्री मोदी ने भारत आने के लिए उन्हें निमंत्रण दिया।
विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव संदीप चक्रवर्ती ने बताया कि आज भारत-यूरोपीय संघ के व्यापार पर उप-आयोग की बैठक हुई है और आगे प्रगति जारी है। यह तंत्र भारत-यूरोपीय संघ व्यापार और निवेश समझौते पर बातचीत शुरू करने का काम करेगा।