नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की साइबर क्राइम सेल द्वारा गिरफ्तार की गई दिशा रवि, टूलकिट गूगल डॉक की संपादक हैं और दस्तावेज तैयार करने एवं इसके प्रसार में एक प्रमुख साजिशकर्ता हैं।
उन्होंने व्हाट्सएप ग्रुप शुरू किया और दस्तावेज का मसौदा तैयार करने के लिए सहयोग किया।
दिल्ली पुलिस ने रविवार को इसकी जानकारी दी।
पुलिस ने बताया कि दिशा को पांच दिनों तक हिरासत में भेज दिया गया है। उसने अन्य लोगों के साथ मिलकर दस्तावेज का मसौदा तैयार किया।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि इस प्रक्रिया में उन्होंने भारत के खिलाफ नफरत फैलाने के लिए खालिस्तानी पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन के साथ सहयोग किया।
दिशा ने ही ग्रेटा थनबर्ग के साथ टूलकिट डॉक साझा किया था।
शनिवार को बेंगलुरु के सोलादेवनहल्ली इलाके से गिरफ्तार दिशा अदालत कक्ष में रो पड़ी की और ड्यूटी मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट को बताया कि उसने टूलकिट नहीं बनाई है। उसने 3 फरवरी को केवल दो लाइनें संपादित की।
बहरहाल, दिल्ली पुलिस ने यह भी कहा कि आपत्तिजनक विवरण गलती से पब्लिक डोमेन में लीक हो जाने के बाद ग्रेटा से मुख्य दस्तावेज हटाने के लिए कहा गया था।
यह दो पंक्तियों के संपादन से कहीं ज्यादा है, जिसका वह दावा करती है।
पुलिस के अनुसार, किसानों के विरोध के दौरान की घटनाएं और 26 जनवरी को लालकिले के पास हिंसा – ये सारी घटनाएं ठीक उसी तरह से हुईं जैसे कि कथित तौर पर टूलकिट में विस्तृत एक्शन प्लान का जिक्र था।
दिल्ली पुलिस ने टूलकिट बनाने वालों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 124-ए, 120-ए और 153-ए के तहत राजद्रोह, आपराधिक षड्यंत्र और घृणा को बढ़ावा देने के आरोप में 4 फरवरी को एफआईआर दर्ज की थी।
टूलकिट को अंतर्राष्ट्रीय जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने भी साझा किया था।