बेंगलुरु : किसान आंदोलन से जुड़ी ‘टूलकिट’ साझा करने के मामले में गिरफ्तार की गई पर्यावरण एक्टिविस्ट दिशा रवि ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर दिल्ली पुलिस को उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर से जुड़ी जांच की कोई भी सामग्री मीडिया में लीक करने से रोकने का अनुरोध किया है।
दिशा रवि के वकील अभिनव सेखरी ने कहा कि वह याचिका को हाईकोर्ट में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किए जाने का इंतजार कर रहे हैं और इसके बाद ही इस पर कोई टिप्पणी करेंगे।
याचिका में मीडिया को उनके और तीसरे पक्ष के बीच वॉट्सऐप पर मौजूद किसी भी कथित निजी वार्तालाप की सामग्री या अन्य चीजें प्रकाशित करने से रोकने का भी अनुरोध किया गया है।
पर्यावरण एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग द्वारा शेयर किए गए किसानों के आंदोलन का समर्थन करने वाले ‘टूलकिट गूगल दस्तावेज की जांच कर रही दिल्ली पुलिस ने बेंगलुरु की कार्यकर्ता दिशा रवि को गिरफ्तार किया है, जबकि मुम्बई की वकील निकिता जैकब और पुणे के इंजीनियर शांतनु मुलुक को अदालत ने अग्रिम जमानत दे दी है।
गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस साइबर सेल की टीम ने तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन से जुड़ी ‘टूलकिट’ सोशल मीडिया पर शेयर करने के आरोप में पर्यावरण एक्टिवस्ट दिशा रवि (22) को रविवार को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया था।
पुलिस के अनुसार, ‘टूलकिट’ दस्तावेज से संबंधित आपराधिक साजिश से जुड़ी जांच के मामले में दिशा रवि को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया गया।
वह ‘टूलकिट’ तैयार करने वालों में से एक हैं और दस्तावेज को बनाने एवं फैलाने के मामले में मुख्य साजिशकर्ता है।
गिरफ्तारी के बाद दिशा को अदालत के समक्ष पेश किया गया था, जहां से उसे पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया।
पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि क्या वह और भी लोगों के संपर्क में थी जो इस मामले में संलिप्त हैं। दिल्ली पुलिस ने गूगल और अन्य सोशल मीडिया कंपनियों से ‘टूलकिट’ बनाने वालों से जुड़े ईमेल आईडी, डोमेन यूआरएल और कुछ सोशल मीडिया अकाउंट की जानकारी देने को कहा था।
स्वीडन की रहने वाली पर्यावरण एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग और अन्य ने यह ‘टूलकिट’ ट्विटर पर शेयर की थी। दिल्ली पुलिस ने ‘टूलकिट’ निमार्ताओं के खिलाफ 4 फरवरी को एफआईआर दर्ज की थी।