झारखंड में ज्रेडा के इस प्रस्ताव पर जिला प्रशासन ने आगे की कार्रवाई की शुरू

Central Desk

चतरा: झारखंड रिन्यूएवल एनर्जी डवलपमेंट (ज्रेडा) चतरा में 100 मेगावाट का सोलर पार्क बनाएगा। ज्रेडा ने इसके लिए जिला प्रशासन को प्रस्ताव भेजा है।

प्रस्ताव में सोलर पार्क निर्माण के लिए एक ही स्थल पर 500 एकड़ भूमि मुहैया कराने का अनुरोध किया गया है। कहा गया है कि प्रति 100 एकड़ जमीन पर बीस मेगावाट बिजली उत्पादन की परियोजना लगाई जा सकेगी।

अगर 200 एकड़ भूमि उपलब्ध होगी तो 40 मेगावाट की परियोजना लग सकेगी। इसी क्रम में भूमि की उपलब्धता के अनुरूप परियोजना का आकार बढ़ता जाएगा।

इधर, ज्रेडा के इस प्रस्ताव पर जिला प्रशासन ने आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।

उपायुक्त दिव्यांशु झा के निर्देश पर अपर समाहर्ता संतोष कुमार सिन्हा ने सभी अंचलों को भूमि चिह्न्ति करने का निर्देश दिया है।

ज्रेडा निदेशक के प्रस्ताव के आलोक में उपायुक्त कार्यालय के राजस्व शाखा ने गत 28 जनवरी को अंचल कार्यालयों को जमीन की आवश्यकता से संबंधित पत्र भेजा है।

जवाब नहीं आया तो पांच फरवरी को एक बार फिर रिमाइंडर भेजा है।

यदि सोलर पार्क का निर्माण होता है तो चतरा बिजली के मामले में काफी समृद्ध हो जाएगा। वर्तमान में यहां बिजली की स्थिति बदतर है।

सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों की बात तो दूर, जिला मुख्यालय को नियमित रूप से आठ से दस घंटे बिजली भी नहीं मिल पा रही है।

डीवीसी से जिले को करीब 25 मेगावाट बिजली मिल रही है, जबकि आवश्यकता करीब 50 मेगावाट की है। अगर 500 एकड़ में पार्क का निर्माण होता है तो यहां बिजली सरप्लस हो जाएगी।

इधर, अपर समाहर्ता संतोष कुमार सिन्हा के अनुसार जमीन की उपलब्धता की स्थिति दो-चार दिनों में स्पष्ट हो जाएगी।

सोलर पार्क का निर्माण लावालौंग अंचल के लिए प्रस्तावित किया जा सकता है। चूंकि एक स्थान पर पांच सौ एकड़ गैर मजरूआ जमीन दूसरे अंचलों में नहीं मिल रही है।

हंटरगंज अंचल ने पहले ही इस मामले में हाथ खड़े कर दिए हैं। वहां आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण तक के लिए सरकारी जमीन नहीं मिल रही है।

टंडवा, सिमरिया, इटखोरी, गिद्धौर, सदर, कान्हाचट्टी में भी जमीन की उपलब्धता अपेक्षाकृत कम है। ऐसे में वरीय अधिकारियों का ध्यान लावालौंग पर केंद्रित है।

इधर, सूत्रों के अनुसार लावालौंग सीओ ने दो से तीन दिनों के अंदर जमीन से संबंधित रिपोर्ट उपलब्ध कराने के संकेत दिए हैं।