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देशभर में दिवाली की खरीदारी शुरू, 60 हजार करोड़ रुपये के कारोबार का अनुमान

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नई दिल्‍ली: कोविड-19 की महामारी के साये में इस बार मन रही दिवाली की चहल-पहल बाजारों में शुरू हो गई है। इस त्योहार की ख़रीदारी के लिए राजधानी दिल्ली सहित देशभर के बाजारों में ग्राहकों की भीड़ दिखने लगी है।

लोगों की भारी भीड़ से व्यापारी भी उत्साहित दिखाई दे रहे हैं। इन्हें उम्मीद है कि आठ महीने के व्यापारिक वनवास से उन्हें अब मुक्ति मिल जाएगी। इसे देखते हुए कारोबारियों ने इस बार देश भर में 60 हजार करोड़ रुपये के व्यापार का अनुमान लगाया है।

कन्‍फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने बुधवार को कहा कि त्योहारों की खरीदारी शुरू हो गई है। उन्‍होंने कहा कि दिवाली के आस-पास अन्य मनाए जाने वाले त्योहारों में धनतेरस 13 नवम्बर, दिवाली 14 नवम्बर, गोवर्धन पूजा 15 नवम्बर, भैया दूज 16 नवम्बर, छठ पूजा 20 नवम्बर व तुलसी विवाह 26 नवम्बर को मनाया जाएगा। इन त्‍योहारों को उत्साह और उमंग के साथ मनाने के लिए बाजारों में विशेष तौर पर तैयारी की गई है।

दिवाली गिफ्ट की शुरू हो गई खरीदारी

खंडेलवाल ने कहा कि दिवाली के लिए खिलौने, ड्राई फ्रूट, गि‍फ्ट आइटम्‍स, रेडीमेड गारमेंट्स, कपड़े, सौंदर्य प्रसाधन, मोबाइल फोन, इलेक्ट्रॉनिक आइटम, होम फ़र्निशिंग, बर्तन, किचन उपकरण एवं किचन का सामान, बिजली का सामान, दुकान और घर सजाने का सामान, एफ़एमसीजी उत्पाद, उपभोक्‍ता की प्रतिदिन काम में आने वाली वस्तुएं, मिठाइयां, होम फर्निशिंग, टैपस्ट्री, बर्तन, क्रॉकरी आदि की बिक्री शुरू हो गई है। वहीं, धनतेरस के मौक़े पर सोना चांदी, बर्तन और रसोई के सामान के व्यापारी बड़े कारोबार की उम्मीद कर रहे हैं।

बाजार से चीन का सामान है गायब

कैट महामंत्री ने बताया कि इस बार कैट के आह्वान पर देशभर के बाज़ारों में चीनी सामान का पूरी तरह से बहिष्कार हो रहा है। विशेष बात यह है कि जहां व्यापारी चीनी सामान नहीं बेच रहे हैं।

वहीं, दूसरी ओर उपभोक्ता भी पूरी तरह से चीनी सामान ख़रीदने के प्रति बिलकुल भी उत्साहित नहीं है। उन्‍होंने बताया कि चीनी सामान सस्ता मिलता है। इससलिए लोग बड़े पैमाने पर ख़रीदते हैं, ये दावा भारत के लोगों को एक सिरे से खारिज कर दिया है।

खंडेलवाल का कहना है कि दिवाली और कुछ अन्य त्योहारों की इस श्रृखंला के जरिए देशभर के बाजारों में लगभग 60 हजार करोड़ रुपये के व्यापार होने का अनुमान है। इससे पहले हर वर्ष दिवाली के अवसर पर करीब 40 हजार करोड़ रुपये के चीनी सामानों का ही व्यापार होता था।

इस बार उसे इतने करोड़ रुपये के व्यापार का नुकसान होना तय है। कैट के आह्वान पर लोग पूरी तरह से देश के सभी हिस्सों में इस बार हिंदुस्तानी दिवाली मनाने के लिए तैयार हैं। प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के लोकल पर वोकल और आत्मनिर्भर भारत का सालार रूप इस बार दिवाली पर देशभर में दिखाई देगा।

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