लाइफस्टाइल डेस्क: मां बनना हर महिला के लिए एक सुखद एहसास होता है। उन 9 महीनों में एक महिला हर पल एक नए एहसास से गुजरती है। वह हर एक पल खास होता है।
अपने अंदर एक नए जीवन के होने का एहसास आपको एक नई स्फूर्ति से भर देता है। गर्भावस्था (Pregnancy) में कुछ परेशानियां भी होती हैं और हर किसी के अपने अनुभव होते हैं गर्भावस्था (Pregnancy) के।
जब भी कोई स्त्री अपने मां बनने की खबर सुनाती है जान पहचा न वाले, रिश्तेदार या पड़ोसी सभी अपने अपने अनुभव बताने लगते हैं, हमारे साथ तो ऐसा हुआ था ऐसा नहीं हुआ था।
हमने तो पूरे समय तक काम किया था आजकल की लड़कियां डॉक्टर की सलाह पर पूरे 9 महीने आराम करती हैं फिर ऑपरेशन से बच्चा पैदा करती हैं।
उस समय वह अपना वक़्त भूल जाती हैं, उनके साथ जब ऐसा हुआ था तो उनको कैसा महसूस हुआ था। उनका समय, उस वक़्त का खानपान अलग था आज के समय का अलग है।
मेरी राय से तो इस वक़्त नई मां को डॉक्टर के निर्देशों के अनुसार ही चलना चाहिए नाकि दादी नानी के नुस्खों पर। गर्भावस्था (Pregnancy)में कुछ लक्षण ऐसे होते हैं जो 100 में से 1 को ही होते हैं। वैसी ही एक परेशानी मुझे हुई थी।
छठे महीने में मेरे पेट पर छोटे छोटे लाल दाने हो गए थे पहले तो मैंने ज्यादा ध्यान नहीं दिया पर जब उनमें खुजली आने लगी तो मैंने अपनी डॉक्टर को दिखाया उसने फौरन मुझे स्किन स्पेशलिस्ट के पास भेज दिया।
स्किन स्पेशलिस्ट ने मुझे देखते ही कहा कि यह परेशानी गर्भावस्था (Pregnancy) में 100 में से 1 को होती है अगर ध्यान न दिया जाए तो यह मां और बच्चे दोनों के लिए जानलेवा हो सकती है।
मैंने तुरन्त डॉक्टर से पूछा मेरा बच्चा ठीक है न। डॉक्टर ने कहा सही वक्त पर इलाज होने से सब अच्छा ही होगा। 15 दिन की दवाई दी।
वह 15 दिन मेरे लिए नर्क के समान थे आज भी वह दिन याद करके दुबारा माँ बनने से डर लगता है। मेरे पुरे शरीर में जलन होने लगी थी तलवों में खुजली, पुरे समय पैर बर्फ के पानी में रखने पर भी आराम नहीं मिलता था।
उसपर से लोगों का ये कहना कि हमने तो आजतक ऐसा नहीं देखा तेरे साथ ही अनोखा हुआ ऐसा। पर मैंने भी लोगों की बात पर ध्यान न देकर सिर्फ डॉक्टर की सलाह मानी और 15 दिनो में सब ठीक हो गया।
उन दिनों में मेरे पति का बहुत साथ था मुझे। फिर जब 9 महीने पुरे हुए तो मेरे पेट में कभी हल्का कभी तेज दर्द होने लगा।
सास को बताने पर उन्होंने कहा कि अभी उतना दर्द नहीं कि डॉक्टर के पास जाना पड़े। 2 दिन बाद जब मेरी हालत खराब होने लगी और पसीने छूटने लगे तब डॉक्टर के पास गए।
डॉक्टर ने देखते ही कहा बीपी लो हो गया है सर्जरी करनी पड़ेगी, आपलोग पहले तो वक्त पर आते नहीं फिर डॉक्टर को दोष देते हो सर्जरी होने पर। मैं मन ही मन भगवान से बच्चे की सलामती की दुआएं मांग रही थी।
जब मेरा बच्चा मेरी गोद में आया तो मैं उस वक़्त उन 9 महीनों की सारी तकलीफें भूल गई। तो मेरी यही सलाह है कि अगर आपको गर्भावस्था (Pregnancy) में दर्द हो, पसीना आए दाने या खुजली हो तो फौरन डॉक्टर को बताएं और उनकी सलाह के अनुसार ही अपना ध्यान रखें।
लोगों की बातों में न आएं।उनके अनुभव आपके अनुभव से अलग हो सख्त हैं।अपना और अपने आनेवाले बच्चे का ख्याल रखें। पति के साथ ज्यादा से ज्यादा वक्त बिताएं।