सावधान! हो जाएं डॉक्टर, एंटीबायोटिक दवा लिखने का बताना होगा कारण, नहीं तो…

अब देश के डॉक्टर बेवजह मरीजों को Antibiotic दवाएं प्रेसक्राइब नहीं कर सकेंगे। केंद्र सरकार (Central Government) ने देश की सेहत और तमाम अनुसंधानों के बाद निर्णय लिया है कि एंटीबायोटिक दवा (Antibiotic Medicine) लिखने वाले डॉक्टर को बताना चाहिए इसकी जरुरत क्या है,और क्यों इसे दिया जा रहा है।

Central Desk

New Rule for Prescribing Antibiotic Medicine: अब देश के डॉक्टर बेवजह मरीजों को Antibiotic दवाएं प्रेसक्राइब नहीं कर सकेंगे। केंद्र सरकार (Central Government) ने देश की सेहत और तमाम अनुसंधानों के बाद निर्णय लिया है कि एंटीबायोटिक दवा (Antibiotic Medicine) लिखने वाले डॉक्टर को बताना चाहिए इसकी जरुरत क्या है,और क्यों इसे दिया जा रहा है।

इसके साथ ही बीमारी के लक्षण भी डॉक्टर को बताना होंगें। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी चिकित्सकों से आग्रह किया है कि वे इसमें सहयोग करें और मरीजों इससे जुड़ी जानकारी दें।

गोयल ने एक जनवरी को लिखे पत्र में कहा…

स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक अतुल गोयल ने सभी दवा विक्रेताओं से औषधि एवं प्रसाधन सामग्री नियमों की अनुसूची H और H1 को सख्ती से लागू करने और Antibiotic दवाओं की बिना पर्चे के होने वाली बिक्री बंद करने और उन्हें केवल योग्य डाक्टर के नुस्खे पर ही बेचने की अपील की है।

गोयल ने एक जनवरी को लिखे पत्र में कहा कि एंटीमाइक्रोबियल (रोगाणुरोधी) दवाओं का दुरुपयोग और अति प्रयोग दवा प्रतिरोधी रोगजनकों के विकास में मुख्य कारकों में से एक है। उन्होंने कहा कि अनुसंधान के साथ कुछ नई एंटीबायोटिक दवाओं के आने के साथ, विवेकपूर्ण तरीके से Antibiotic का इस्तेमाल प्रतिरोध को रोकने या देरी करने में एकमात्र विकल्प है।

चिकित्सा कालेजों (Medical Colleges) के सभी डाक्टरों और सभी चिकित्सा संगठनों को संबोधित पत्र में कहा गया है कि रोगाणुरोधी प्रतिरोध (AMR) मानवता के सामने आने वाले शीर्ष वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य खतरों में से एक है। यह अनुमान लगाया गया है कि 2019 में वैश्विक स्तर पर 12.7 लाख मौतों के लिए बैक्टीरियल AMR सीधे तौर पर जिम्मेदार था और 49.5 लाख मौतें दवा प्रतिरोधी संक्रमण से जुड़ी थीं। यह प्रतिरोधी रोगाणुओं के कारण होने वाले संक्रमण की प्रभावी रोकथाम और उपचार को खतरे में डालता है, जिसके परिणामस्वरूप गंभीर बीमारी होती है और मृत्यु का खतरा बढ़ जाता है।

उपचार की विफलता से लंबे समय तक संक्रामकता बनी रहती है

उपचार की विफलता से लंबे समय तक संक्रामकता बनी रहती है। शुरुआत के उपचार के विफल रहने पर बाद के इलाज के लिए दवाओं की लागत भी काफी बढ़ जाती है। पत्र में कहा गया है कि दवा व्रिकेताओं को औषधि और प्रसाधन नियमों की अनुसूची H और H1 को लागू करने और केवल वैध नुस्खे पर एंटी बायोटिक बेचने के लिए याद दिलाया जा रहा है। यह अहम है कि डाक्टर Antimicrobial लिखते समय नुस्खे पर लक्षण लिखें। इसमें कहा गया कि सभी चिकित्सकों से तत्काल अपील की जाती है कि वे एंटीमाइक्रोबियल लिखते समय लक्षण, कारण, औचित्य लिखना एक अनिवार्य अभ्यास बनाएं।

गुणवत्ता वाले Antibiotic HI दवाओं की सूची में शामिल

AMR के मामलों को कम करने के लिए Antimicrobial दवाओं के विवेकपूर्ण उपयोग को बढ़ावा देने के लिए आपके सहयोग की आशा है। भारत में सभी दवा विक्रेता संघों को लिखे पत्र में गोयल ने कहा कि औषधि एवं प्रसाधन सामग्री नियम 1945 के तहत, Antibiotic दवाओं को अनुसूची ‘एच’ के तहत निर्दिष्ट दवाओं की सूची में शामिल किया गया है, जिन्हें केवल एक पंजीकृत डाक्टर के नुस्खे पर खुदरा रूप से बेचा जाना आवश्यक है।

कुछ उच्च गुणवत्ता वाले Antibiotic HI दवाओं की सूची में शामिल हैं। पत्र में कहा गया है कि देश के सभी दवा विक्रेताओं से तत्काल अपील की जाती है कि वे औषधि एवं प्रसाधन सामग्री नियम की अनुसूची एच और एच1 को सख्ती से लागू करें और Antibiotic दवाओं की बिना डाक्टर के नुस्खे के बिक्री बंद करें और उन्हें केवल एक योग्य डाक्टर के नुस्खे पर ही बेचें। दुकानदारों को खुद से एंटीबायोटिक दवा बेचने पर रोक लग जाएगी।