घोटाले से जुड़ी 8.86 एकड़ जमीन के 2 प्लॉट के दस्तावेज में हुई छेड़छाड़, ED को…

Digital Desk

Hemant Soren Land Scam : जैसा कि बताया जा रहा है, झारखंड (Jharkhand) के पूर्व चीफ मिनिस्टर हेमंत सोरेन (Former CM Hemant Soren) पर ED ने जिस 8.86 एकड़ जमीन को फर्जी (Fraud) तरीके से कब्जाने का आरोप लगाया है, वह जमीन कुल 12 प्लॉट को मिलाकर है।

ED की जांच में यह तत्व सामने आया है कि 12 में 2 प्लाट (Plot) की जमीन के दस्तावेज में हेरफेर की गई था। इसकी पुष्टि फॉरेंसिक जांच (Forensic Test) में हो चुकी है।

साल 2010-11 में की गई हेरफेर

हेमंत सोरेन (Hemant Soren) द्वारा जिन 12 प्लॉट को मिलाकर कथित 8.86 एकड़ जमीन (Land) पर कब्जा किया गया था, उसके लिए भी जमीन के रिकॉर्ड (Record) में भारी छेड़छाड़ की बात ED ने जांच में पाई है।

ED की जांच में यह बात सामने आयी है कि Hemant Soren ने इस जमीन को साल 2010-11 में ही अपने कब्जे में लिया था। इसके बाद इस जमीन के लिए दस्तावेजी हेरफेर की गई।

किस-किस नेचर की जमीन

ED ने जांच में पाया है कि 8.86 एकड़ जमीन में .21 एकड़ जमीन प्लाट संख्या 983, 1.16 एकड़ जमीन प्लाट संख्या 985 की है, इस जमीन की रजिस्टर 2 में इंट्री नहीं है। ये जमीन बाउंड्री (Boundry) के भीतर है।

प्लाट संख्या 987 में कुश कुमार भगत व बुधन राम, जगेश्वर राम के नाम पर गैर भूईंहरी जमीन है।

प्लाट संख्या 984 की .30 एकड़ भूमि भी बकाश्त भूईहरी है।

इसका भी रजिस्टर 2 में इंट्री नहीं है।

प्लाट संख्या 988 की 2.06 एकड़ बकाश्त भूमि शशिभूषण सिंह, भवानी शंकर लाल, बुधन राम के नाम पर रजिस्टर 2 में दर्ज थी।

प्लाट 986 एकड़ जमीन लोधा पाहन, प्लाट 990 की .48 जमीन बकाश्त भूईहरी बुधन राम, प्लाट 989 की बकाश्त भूईहरी जमीन भरत राम, जगदीश राम, सुधीर जायसवाल, अनिल जायसवाल के नाम पर है।

वहीं प्लाट संख्या 992 की .61 एकड़ बकाश्त भूईंहरी पहनाई जमीन महेश्वर दास गुप्ता के नाम पर रजिस्टर 2 में थी। प्लाट संख्या 993 की .41 एकड़ की जमाबंदी उपलब्ध नहीं थी।

वहीं प्लाट 996 की .32 एकड़ जमीन उमाशंकर जायसवाल, प्लाट 980 की 42 डिसमिल जमीन विनिव्रत राय के नाम पर थी। ये सारी जमीनें एक ही बाउंड्री के भीतर थीं।

ED की जांच शुरू होने के बाद पुरानी जमाबंदी रद्द कर पूरी जमाबंदी राजकुमार पाहन के नाम पर की गई।

सद्दाम से भी ED की पूछताछ में सामने आए तथ्य

रांची जमीन घोटाले में ED ने गिरफ्तार राजस्व उपनिरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद के खास सहयोगी मो सद्दाम को रिमांड पर लेकर पूछताछ की।

मो सद्दाम के पास भी पूर्व मुख्यमंत्री की कथित जमीन से जुड़े दस्तावेज मिले थे।

ED ने इसी आधार पर उसे रिमांड पर भी लिया था। ईडी ने संबंधित जमीन के दस्तावेजों के रिकार्ड में कोलकाता में हेरफेर के पहलुओं पर भी सद्दाम से सवाल-जवाब किया।