Tulsi Gabbard Made Director of National Intelligence: संयुक्त राज्य अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति Donald J. Trump ने यहां बुधवार को व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति जो बाइडेन (Biden) से मुलाकात के बाद अहम घोषणा की।
उन्होंने फ्लोरिडा के सीनेटर मार्को रुबियो (Rubio) को विदेशमंत्री और पूर्व कांग्रेस सदस्य और लेफ्टिनेंट कर्नल तुलसी गबार्ड (Tulsi Gabbard) को राष्ट्रीय खुफिया निदेशक के रूप में नामित किया।
द न्यूयॉर्क टाइम्स की खबर के अनुसार राष्ट्रपति जो बाइडन से भेंट के बाद वाशिंगटन से फ्लोरिडा की वापसी के समय ट्रंप ने यह घोषणा की। रुबियो कभी ट्रंप के मुखर आलोचक रहे हैं।
आज वह उनके सबसे बड़े समर्थक हैं। इसके अलावा ट्रंप ने फ्लोरिडा के कांग्रेसी मैट गेट्ज को अमेरिका के अटॉर्नी जनरल के रूप में नामित किया।
उन्होंने लेफ्टिनेंट कर्नल तुलसी गबार्ड को राष्ट्रीय खुफिया निदेशक रूप में नियुक्त करने का ऐलान किया। उल्लेखनीय है, रुबियो रूढ़िवादी नेता हैं। चीन, क्यूबा और ईरान के खिलाफ उनका रुख कठोर रहा है। इस वर्ष वह ट्रंप के उपराष्ट्रपति पद के लिए संभावित उम्मीदवारों में शामिल थे।
ट्रंप ने एक बयान में फ्लोरिडा के सीनेटर मार्को रुबियो की प्रशंसा की है। रुबियो सीनेट इंटेलिजेंस कमेटी के उपाध्यक्ष और विदेश संबंध समिति के सदस्य भी हैं।
उन्होंने चीन पर सख्त रुख अपनाते हुए टिकटॉक जैसे सोशल मीडिया ऐप्स के खिलाफ आवाज उठाई। विदेशमंत्री के रूप में नामित करते हुए ट्रंप ने रुबियो के बारे में कहा, ”वह हमारे देश के लिए मजबूत वकील होंगे। हमारे सहयोगियों के सच्चे दोस्त होंगे। हमारे विरोधियों के खिलाफ कभी भी पीछे नहीं हटेंगे।”
यह जानना दिलचस्प है कि रुबियो का चयन दो व्यक्तियों के बीच लंबी और जटिल कथानक का हिस्सा है। 2016 में रिपब्लिकन राष्ट्रपति पद की दौड़ के दौरान रुबियो ने ट्रंप की आलोचना करते हुए उन्हें धोखेबाज कलाकार और राष्ट्रपति पद के लिए प्रयास करने वाला सबसे अशिष्ट व्यक्ति कहा था।
इस पर ट्रंप ने भी उन्हें ‘छोटा मार्को’ कहकर मजाक उड़ाया था। इसके बाद समय के साथ जैसे-जैसे ट्रंप का प्रभाव बढ़ा, रुबियो ने भी अपना रुख बदलते हुए ट्रंप का समर्थन करना शुरू कर दिया।
ट्रंप की घोषणा के अनुसार पूर्व डेमोक्रेट और अमेरिकी कांग्रेस की पहली हिंदू सदस्य तुलसी गबार्ड अब राष्ट्रीय खुफिया निदेशक के रूप में काम करेंगी।
वह चार बार कांग्रेस सदस्य रहीं। 2020 में राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार और बेस्ट सेलिंग लेखिका हैं। गबार्ड मध्य पूर्व और अफ्रीका के युद्ध क्षेत्रों में तीन बार तैनात रहीं। वह अनुभवी सैनिक हैं। हाल ही में गबार्ड डेमोक्रेटिक पार्टी छोड़कर रिपब्लिकन पार्टी में शामिल हुई थईं। उन्होंने 21 साल की उम्र में हवाई राज्य प्रतिनिधि सभा में अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की। 9/11 के हमलों के बाद वो अमेरिकी सेना में भर्ती होकर इराक में तैनात रहीं। गबार्ड ने साल 2020 में डेमोक्रेटिक पार्टी छोड़ दी थी और अब उन्हें ट्रंप समर्थक माना जाता है।
18 जासूसी एजेंसियों की करेंगी देखरेख
The New York Times के अनुसार तुलसी गबार्ड की नियुक्ति की खबर सबसे पहले रोजर स्टोन ने अपने एक्स अकाउंट पर साझा की। स्टोन लंबे समय से ट्रंप के मित्र और सलाहकार हैं।
CIA का नेतृत्व करने के लिए ट्रंप की पसंद जॉन रैटक्लिफ के साथ तुलसी व्हाइट हाउस की शीर्ष खुफिया सलाहकार होंगी। वह 18 जासूसी एजेंसियों की देखरेख करेंगी और राष्ट्रपति की डेली ब्रीफ (खुफिया सारांश) तैयार करने के लिए जिम्मेदार होंगी।
ट्रंप ने अपनी नवीनतम कैबिनेट की घोषणा करते हुए कहा कि मैट गेट्ज को बेहद प्रतिभाशाली और मजबूत वकील बताया है। उन्होंने विलियम एंड मैरी कॉलेज ऑफ लॉ (William & Mary College of Law) से कानून की पढ़ाई की है। उन्होंने न्याय विभाग में जरूरी सुधारों पर ध्यान केंद्रित करते हुए कांग्रेस में खुद को प्रतिष्ठित किया है।
ट्रंप ने कहा कि अमेरिका के लिए सबसे अहम काम न्याय व्यवस्था में पक्षपात को खत्म करना है। मैट गेट्ज सरकार की अनुचित शक्तियों को खत्म करेंगे, हमारी सीमाओं की सुरक्षा करेंगे, अपराधी समूहों से लड़ेंगे और न्याय विभाग में लोगों का खोया हुआ विश्वास फिर से बहाल करेंगे।