ब्रिस्टल: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Former US President Donald Trump )के समर्थक सबसे ज्यादा फेक न्यूज़ (Fake news) शेयर करते हैं।
ऑस्ट्रेलिया ( Austrila) की ग्रेज यूनिवर्सिटी ऑफ़ टेक्नोलॉजी और ब्रिटेन की ब्रिस्टल यूनिवर्सिटी ( Grays University of Technology and University of Bristol, UK) ने एक शोध ( Reserch) किया है।
शोध में सामने आया है, सोशल मीडिया (Social Media ) पर राजनेताओं द्वारा शेयर की जाने वाली अविश्वसनीय जानकारी की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। पिछले 5 वर्षों में फेक न्यूज़( Fake news ) में तेजी के साथ वृद्धि हुई है।
डोनाल्ड ट्रंप का फेक न्यूज़ ट्विटर हो रहा वायरल
सर्वे में शामिल देशों के दक्षिणपंथी नेताओं (Right Wing Leaders )ने ऐसी लिंक ज्यादा शेयर की है। वहीं अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी ( Republic Party ) के नेताओं के फेक ट्वीट ( Fake Tweet) में बहुत तेजी के साथ वृद्धि हुई है।
2016 से 2022 के बीच नेताओं द्वारा किए गए 34 लाख ट्वीट का परीक्षण किया गया। इसमें अमेरिका के संसद सदस्यों (US Members of Parliament) के 17 लाख ट्वीट,ब्रिटिश सांसदों के 10 लाख और जर्मनी के सांसदों के 7।5 लाख ट्वीट को शोध में शामिल किया गया।
फेक न्यूज़ की करनी चाहिए आलोचना
ब्रिस्टल यूनिवर्सिटी( Bristol University) के साइकोलॉजी विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर स्टीफन (Professor Stephen) ने कहा, नेता शिक्षित वर्ग का हिस्सा है।
लोग इन से प्रेरणा लेते हैं। ऐसे में राजनेताओं के द्वारा गलत और गैर प्रमाणिक न्यूज़ पोस्ट (Authentic news post) करना समस्या को बढ़ाता है।
ऐसी फेक न्यूज़ ( Fake news) की आलोचना करना और उसकी सत्यता पर सवाल उठाना, वर्तमान स्थिति मे जरूरी हो गया है।