बोकारो: आज दहेज (Dowry) के लालचीयों को सश्रम कारावास की सजा सुनायी गई। दरअसल दहेज हत्या (Dowry Murder) में दोषी पति लालचंद हेंब्रम, सास संजोती देवी और ससुर लक्खीराम मांझी को 10-10 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनायी गई।
अपर सत्र न्यायाधीश चतुर्थ योगेश कुमार सिंह की अदालत (Court) ने सज़ा मुकर्रर की। इससे पहले कोर्ट ने 23 दिसम्बर को आरोपियो को दोषी करार दिया था।
हत्या कर शव आंगन में छोड़ भाग गए थे ससुराल वाले
दोषियों पर पिंड्राजोरा थाना क्षेत्र के किशोरडीह निवासी 24 वर्षीय मंजू देवी की दहेज न मिलने के कारण गला घोंटकर हत्या (Murder) करने का आरोप था।
सरकार की ओर से कोर्ट में अभियोजन का पक्ष रखने वाले विशेष लोक अभियोजन आरके राय ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मृतका मंजू देवी की शादी 18 जून 2019 को लालचंद हेम्ब्रम के साथ हुई थी।
शादी के बाद से बतौर दहेज 50 हजार रुपए नगद व मोटरसाइकिल की मांग कर मृतका को उसके ससुराल वाले प्रताड़ित कर रहे थे।
प्रताड़ना के इसी कड़ी में दोषियों ने शादी से महज 138 दिन के अंतराल में 6 नवंबर 2019 को दहेज की मांग पूरी ना होने के कारण मंजू देवी का गला घोटकर हत्या कर दिया।
फिर शव को आंगन में छोड़कर फरार हो गए। घटना की जानकारी मिलने पर मृतका के पिता सुधीर मांझी (Sudhir Manjhi) परिचितों के साथ बेटी के ससुराल पहुंचे, तो बेटी का मृत शरीर आंगन में पड़ा हुआ था।
जिसके बाद तत्काल पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने पिता के फर्द ब्यान (Fard Bayan) पर तीनो दोषियों के खिलाफ दहेज हत्या की प्राथमिकी दर्ज करते हुए अनुसंधान शुरू किया।
अनुसंधान के क्रम में तीनों दोषियों को 12 नवंबर 2019 को गिरफ्तार कर Court के समक्ष प्रस्तुत करने के बाद न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया था। और आज करीब 3 सालों के बाद अपराधियों को सजा सुनाई गई।