रांची: गठिया की बीमारी (Gout Disease) झारखंड में तेजी से बढ़ रही है। बीते दस सालों में यह बीमारी दो से तीन गुणा बढ़ गयी है। जिस रफ्तार से यह बीमारी बढ़ रही है, उसकी तुलना में इसके डॉक्टरों की संख्या कम है।
सोमवार को ये बातें RIMS के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉक्टर धीरेंद्र बिरुआ ने कही। वे ईस्ट जोन रूमेटोलॉजी एसोसिएशन (East Zone Rheumatology Association) के 16वें एनुअल कांफ्रेंस (16th Annual Conference) में बोल रहे थे। कांफ्रेंस की थीम रूमेटोलॉजी ए केलाइडियोस्कोप इन मेडिसिन था।
उन्होंने कहा कि यह कांफ्रेंस झारखंड में होना गर्व की बात है। इससे यहां के डॉक्टरों का ज्ञानवर्द्धन होगा। कांफ्रेंस का आयोजन होटल बीएनआर चाणक्या (Hotel BNR Chanakya) में किया गया।
कार्यक्रम का आयोजक झारखंड रूमेटोलॉजी एसोसिएशन (Jharkhand Rheumatology Association) था। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रोफेसर मधुमिता दास ने हिस्सा लिया।
इसमें पहला प्राइज RIMS की डॉ श्रेया सिंह को मिला
कांफ्रेंस में ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेटरी डॉ देवनीश खेस्स (Dr Deonis Xess) ने कहा कि सोरायटिक अर्थराइटिस (Psoriatic Arthritis) पर इलाज से काफी हद तक काबू पाया जा सकता है।
अभी जो नये मेडिसीन आये हैं उससे मरीजों को नब्बे फीसदी अराम मिल सकता है। कांफ्रेंस में RIMS के दस स्टूडेंट ने पेपर प्रेजेंट किया।
इसमें पहला प्राइज RIMS की डॉ श्रेया सिंह को मिला। दूसरा डॉ शिल्पी प्रिया और तीसरा डॉ मोहम्मद अमीश शिकोह को मिला। इन्होंने भी कांफ्रेंस में पेपर प्रेजेंट किया। वहीं, पोस्टर प्रेजेंटेशन (Poster Presentation) में डॉ राहुल नायर को पुरस्कार मिला।
कांफ्रेंस में New Delhi AIIMS की प्रोफेसर डॉ उमा कुमार, SPGI से प्रोफेसर डॉ अमिता अग्रवाल समेत 165 डॉक्टरों ने हिस्सा लिया, जिसमें असम से प्रोफेसर मधुमिता दास, डॉ प्रदीप शर्मा, अरुणाचल प्रदेश याशी जेरांग, बंगाल से प्रोफेसर पार्थ सरकार, प्रोफेसर अलकेन्दु घोष, प्रोफेसर प्रद्योत सिन्हा महापात्रा, ओडिसा से प्रोफेसर विद्युत दास, प्रोफेसर रीना त्रिपाठी तथा अन्य शामिल हुए। कांफ्रेंस में शामिल डॉक्टरों का स्वागत करम डाली से किया गया।