नागपुर: देश के जानेमाने समाजसेवी स्व. बाबा आमटे की पोती तथा कुष्ठरोगी सेवा समिति की सीईओ डॉ. शीतल आमटे-करजगी ने सोमवार को आत्महत्या कर ली।
महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले में स्थित आनंदवन में हुई इस घटना के बाद डॉ. शीतल को वरोरा स्थित सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहां जांच के बाद डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
बहरहाल आत्महत्या के पीछे पारिवारिक कलह की आशंका जताई जा रही है।
बाबा के नाम से विख्यात स्व. डॉ. मुरलीधर आमटे ने 70 साल पहले चंद्रपुर जिले में कुष्ठ रोगियों के लिए आनंदवन नाम से आश्रम की स्थापना की थी।
इसके बाद आमटे परिवार पूरी तरह समाज सेवा में जुट गया। आमटे परिवार द्वारा आदिवासी इलाकों में कई सेवा प्रकल्प चलाए जाते हैं।
बाबा आमटे का 9 फरवरी 2008 को निधन होने के बाद उनके पुत्र- डॉ. विकास और डॉ. प्रकाश आमटे उनकी विरासत को संभाल रहे हैं।
मौजूदा समय में डॉ. विकास कुष्ठ रोगी सेवा समिति के सचिव और डॉ. प्रकाश आमटे सह सचिव के तौर पर जिम्मेदारी निभा रहे हैं।
विकास
आमटे की पुत्री डॉ. शीतल बतौर सीईओ सेवाएं दे रही थीं। इसी बीच डॉ. शीतल ने नवम्बर के दूसरे सप्ताह में सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर आमटे परिवार की आलोचना की थी।
वीडियो जारी करने के 2 घंटे बाद डॉ. शीतल ने उसको डिलीट भी कर दिया। बेटी के इस तीखे हमले के बाद आमटे परिवार ने 22 नवम्बर को साझा बयान जारी किया था।
इस बयान में डॉ. प्रकाश आमटे, डॉ. विकास आमटे, शीतल की मां डॉ. भारती और काकी डॉ. मंदाकिनी आमटे के हस्ताक्षर हैं।
बयान के मुताबिक अनुसार स्व. बाबा आमटे की विरासत को उनका परिवार पूरी लगन के साथ देखभाल कर रहा है।
आनंदवन में कुष्ठ रोगियों के लिए उसी लगन के साथ कार्य किया जाता है। कुष्ठरोगी सेवा समिति की मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. शीतल के सभी आरोप बेबुनियाद हैं।
आमटे परिवार ने साफ किया था कि डॉ. शीतल बिते कुछ दिनों से मानसिक तनाव में हैं। इसी के चलते वह परिवार पर बेबुनियाद आरोप लगा रही हैं।
बहरहाल डॉ. शीतल की आत्महत्या से पूरा परिवार सकते में है। आत्महत्या को लेकर आमटे परिवार का अब तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।