नई दिल्ली: उत्तराखंड के ऋषि गंगा में आए बर्फीले तूफान और जल स्तर में हुई वृद्धि के कारण जानमाल का भारी नुकसान हुआ है।
वहीं जल मार्ग अवरुद्ध होने से यहां पानी की एक झील का भी निर्माण हो गया है।
वैज्ञानिकों के मुताबिक अब इस झील में से पानी की निकासी हो रही है और जल्द ही स्थिति सामान्य होने की उम्मीद है।
उत्तराखंड में आई इस आपदा में 200 से अधिक लोगों के मारे जाने की आशंका है।
उत्तराखंड के धौलीगंगा एवं ऋषिगंगा क्षेत्र में आई आपदा के सम्बन्ध में राज्य सरकार ने सचिर्ंग अभियान जारी रखने का निर्देश दिये हैं।
प्रशासन का प्रयास है कि सम्बन्धित क्षेत्रों में किसी भी प्रकार से जल अवरूद्ध न हो।
उत्तराखंड के मुख्य सचिव ओमप्रकाश की अध्यक्षता में इस विषय पर एक समीक्षा बैठक की गयी।
इस दौरान उपमहानिरीक्षक एसडीआरएफ रिद्धिमा अग्रवाल ने मुख्य सचिव को अवगत कराया कि ऋषि गंगा में अवरूद्ध हुए पानी की सुगम निकासी हो रही है।
अब पानी का स्तर बहुत तेजी से घट रहा है तथा 1-2 दिन के भीतर पूरी तरह से सामान्य होने की संभावना है।
उत्तराखंड के ऋषि गंगा क्षेत्र में आई त्रासदी के उपरांत अभी भी प्रशासन को 166 लापता लोगों की तलाश है।
उत्तराखंड सरकार के मुताबिक शनिवार सुबह तक मलबे में से 38 शव निकाले जा चुके हैं।
इनमें से केवल 12 मृतकों की शिनाख्त हो सकी है, जबकि 26 व्यक्तियों की शिनाख्त होना अभी बाकी है।
उत्तराखंड सरकार के मुताबिक साइट पर एसडीआरएफ, सेना, आईटीबीपी, सिंचाई विभाग, वैज्ञानिक तथा स्थानीय अधिकारी मौजूद हैं।
स्थल पर हैलीपैड स्थल का भी चयन कर दिया है तथा प्रशासन मौके पर नजर रखे हुए है।
इस दौरान राहत एवं बचाव कार्यों को लेकर बुलाई गई मुख्य सचिव की बैठक में सेना व आईटीबीपी के वरिष्ठ अधिकारी, गृह सचिव नितेश झा, आपदा प्रबंन्धन सचिव एस.ए. मुरूगेशन, उत्तराखण्ड अंतरिक्ष उपयोग केन्द्र (यूसेक) के निदेशक डॉ एम.पी बिष्ट सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
आपदा में सड़क संपर्क टूटने से सीमांत क्षेत्र के 13 गांवों के 360 परिवार प्रभावित हुए हैं।
सड़क संपर्क से कटे इन गांवों में हेलीकॉप्टर से राशन किट, मेडिकल टीम सहित रोजमर्रा का सामन लगातार भेजा जा रहा है।