दुमका : प्रेम प्रसंग में 15 नवंबर को हुए विवेक कुमार साह हत्याकांड के मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। गिरफ्तार आरोपी का नाम बुद्धदेव उर्फ मेघु गोराई है।
मुफस्सिल थाना पुलिस ने उसे शुक्रवार की रात शिकारीपाड़ा के कुशपहाड़ी गांव में उसके जीजा के घर से गिरफ्तार किया। पुलिस ने उसे शनिवार को जेल भेज दिया।
गिरफ्तार आरोपी बुद्धदेव मृतक विवेक की नाबालिग प्रेमिका का चाचा है।शनिवार को मुफस्सिल थाना में पत्रकारों को मामले की जानकारी देते हुए एसडीपीओ नूर मुस्तफा अंसारी ने बताया कि विवेक कुमार अमित की किशोर बेटी से प्रेम करता था।
दोनों के बीच ब्रेकअप होने के बाद भी 15 नवंबर को विवेक किशोरी से मिलने के लिए उसके विजयपुर सरूवा स्थित आवास पहुंच गया। पहले से नाराज चल रहे पिता और चाचा ने उसकी जमकर पिटाई की, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। घटना की रात को ही फूलो-झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज के दौरान विवेक की मौत हो गयी।
एसडीपीओ ने बताया कि जब विवेक की पिटाई की जा रही थी, उस वक्त इस घटना का किसी ने वीडियो बना लिया था और उसे वायरल कर दिया था। इसके आधार पर पुलिस ने मृतक की बहन काजल के बयान पर मुफस्सिल थाना में (कांड संख्या 221/21) किशोरी के
पिता अमित गोराई और चाचा मेघु गोराई के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया।उसके बाद 16 नवंबर को ही पुलिस ने आरोपी अमित गोराई को गिरफ्तार कर लिया था।
एसडीपीओ ने बताया कि आरोपी अमित की गिरफ्तारी के बाद किशोरी का आरोपी चाचा मेघु गोराई फरार हो गया था। चार दिन से पुलिस उसकी तलाश कर रही थी। अंत में उसे शिकारीपाड़ा पुलिस की मदद से शुक्रवार की रात गिरफ्तार कर लिया गया।
बताया जा रहा है कि विवेक की पिटाई के वायरल हुए वीडियो में किशोरी का चाचा विवेक से उसका मोबाइल छीनने की कोशिश करता दिख रहा है। विवेक के मोबाइल में ऐसा क्या है, जिसे लेकर किशोरी के पिता और चाचा परेशान थे, यह जानने के लिए पुलिस ने जब्त मोबाइल को तकनीकी सेल के पास भेजा है।
मोबाइल का लॉक खुलने के बाद उसकी जांच होगी।वहीं, मरते समय विवेक ने पुलिस को बताया था कि किशोरी के घरवालों ने उसे जहर खिलाया है। जबकि, आरोपियों ने कहा था कि विवेक ने खुद ही जहर खा लिया था। इस बिंदु पर एसडीपीओ ने कहा कि विवेक ने खुद जहर खाया या उसे जहर खिलाया गया, यह स्पष्ट नहीं हो सका है।
अगर पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में जहर खाने की बात की पुष्टि होती है, तो भी यह पता करना मुश्किल होगा कि विवेक के शरीर में जहर पहुंचा कैसे।इसके अलावा, एसडीपीओ नूर मुस्तफा ने बताया कि इस मामले में महिला थाना प्रभारी प्रियंका कुमारी ने लापरवाही बरती है। 13 नवंबर को किशोरी की शिकायत के बाद उन्होंने कार्रवाई करने के बजाय बॉन्ड भरकर विवेक को छोड़ दिया था।
उसी समय अगर एफआईआर दर्ज हो गयी होती, तो वह किशोरी से छेड़खानी के आरोप में जेल में होता और उसकी मौत नहीं हुई होती। एसडीपीओ ने कहा कि अब वरीय पदाधिकारी ही यह तय करेंगे कि थाना प्रभारी पर क्या कार्रवाई की जाये।