दुमका: पोड़ैयाहाट के विधायक प्रदीप यादव को दुमका की एक अदालत ने 13 साल पुराने आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के मामले में साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है।
दुमका की एमपी-एमएलए की विशेष अदालत प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी सुश्री ऋत्विका सिंह की अदालत ने साक्ष्य के अभाव में सोमवार को नाजायज मजमा बना कर आदर्श आचार संहिता उल्लंघन करने से संबंधित 13 साल पुराने मामले में पोड़ैयाहाट के विधायक कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रदीप यादव को बरी करने का फैसला सुनाया।
इस मामले में सरकार की ओर से सहायक लोक अभियोजक रामकिंकर पांडेय व मो खुशबुद्धीन अली और बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता पारस कुमार सिन्हा,शिव सेन मरांडी,विजय मरांडी और राजकुमार गुप्ता ने पैरवी की तथा बहस में हिस्सा लिया।
सहायक लोक अभियोजक मो. खुशबुद्दीन ने बताया कि गोड्डा के प्रखंड विकास पदाधिकारी मो. अनवर हुसैन के लिखित आवेदन पर गोड्डा नगर थाना में भादवि की धारा 144,188,506और 171(पी) के तहत 23 अप्रैल 2009 को कांड संख्या 125/2009 दर्ज किया गया था।
इस मामले में 2009 में गोड्डा से झारखंड विकास मोर्चा के प्रत्याशी प्रदीप यादव समेत 50-60 सक्रिय कार्यकर्ताओं के द्वारा गोड्डा जिले के सरौनी से पंचमढ़ी तक रोड शो कर आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किये जाने का आरोप लगाया गया था।
इस मामले में सरकार की ओर से दो गवाह पेश किये गये। बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने बताया कि दोनों पक्षों की ओर से बहस सुनने के बाद अदालत ने पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में गोड्डा से झाविमो के पूर्व प्रत्याशी विधायक प्रदीप यादव को बरी करने का फैसला सुनाया।